नई दिल्ली. चीटियों पर बहुत सारी कविता और कहानियां बनी हुई हैं. अक्सर लोगों को चीटियों की मेहनत और अनुशासन का उदाहरण दिया जाता है. इसका कारण यह है कि चीटियां अपने खाने की खोज में कई किलोमीटर पैदल ही जाती हैं. साथ ही इस दौरान वे एक ही लाइन में चलती हैं. लेकिन लोगों को यह नहीं पता होता कि आखिर चीटियां सीधी लाइन में ही क्यों चलती हैं? तो आइए हम आपको बताते हैं यहां......


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इसलिए सीधी लाइन में चलती हैं चीटियां
चीटियों में एक खास तरह का फिरोमोन्स नामक केमिकल पाया जाता है. इस केमिकल की मदद से चीटियां आपस में कम्‍युनिकेट करती हैं. जब सबसे आगे चलने वाली चीटी को कोई खतरा महसूस होता है तो वह इसी केमिकल के जरिए दूसरी चीटियों को अलर्ट करती है.


वहीं, जब मजदूर चीटियों को खाने या अन्य रिसोर्स के बारे में पता चलता है तो वे वापस आने के लिए फिरोमोन्स लिक्विडी की मदद से वे निशान छोड़ती जाती हैं. ठीक इसी तरह हर चीटी अपने पीछे निशान छोड़ते चली जाती है. इस कारण उन्हें एक साथ चलने में मदद मिलती है.


दुनियाभर में मिलती हैं चीटियों की 12000 प्रजातियां
वैज्ञानिकों की मानें तो दुनियाभर में चीटियों की 12,000 से ज्‍यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. कहा यह भी जाता है कि एक चीटी अपने वजन से 20 गुना ज्यादा भार उठा सकती है. इसके अलावा कहा जाता है कि चीटियां सोती भी नहीं हैं. 


माना जाता है कि पृथ्वी पर कुल इंसानों की तुलना में चीटियों की संख्या कई गुना ज्यादा होती है. हर चीटियों की झुंड में एक रानी चीटी होती है. जिसकी उम्र 30 साल होती है. 


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