15 जुलाई तक CBSE के रिजल्‍ट, जो परीक्षा देना चाहें दे सकते हैं: HRD मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल
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15 जुलाई तक CBSE के रिजल्‍ट, जो परीक्षा देना चाहें दे सकते हैं: HRD मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल

सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं.

15 जुलाई तक CBSE के रिजल्‍ट, जो परीक्षा देना चाहें दे सकते हैं: HRD मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल

नई दिल्‍ली: सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. इस बारे में ZEE NEWS के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने बात करते हुए कहा कि 15 जुलाई तक हम असेसमेंट के आधार पर अब रिजल्‍ट घोषित कर देंगे. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि जो छात्र उन नतीजों से संतुष्‍ट नहीं होंगे तो उनके पास परीक्षा देने का विकल्‍प होगा. वो बाद में परीक्षा देकर अपने नंबरों में सुधार कर सकते हैं. इसके साथ ही कहा कि परीक्षाओं को लेकर छात्रों और अभिभावकों के मन में एक तनाव उत्‍पन्‍न हो गया था. अब परीक्षाओं और रिजल्‍ट को लेकर तस्‍वीर साफ हो गई है. 

परीक्षाओं के नतीजे आने में अब देरी हो गई है. रिजल्‍ट भी जो आएंगे वो पिछले वर्षों की तरह नहीं होंगे. उसके बाद दाखिले की दौड़ में कट-ऑफ के मसले पर मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि इस बार अंडर-ग्रेजुएट कोर्सेज में कट-ऑफ कम जाने की उम्‍मीद है. हालिया वर्षों में देखा गया है कि दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के कई कॉलेजों में कट-ऑफ 100 प्रतिशत तक चला जाता था. उसी संदर्भ में सुधीर चौधरी के पूछे गए सवाल में डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने ये बात कही. इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि रिजल्‍ट लेट आने के कारण इस बार स्‍वाभाविक तौर पर अगला शैक्षणिक सत्र भी देर से शुरू होगा.

इस साल JEE की परीक्षा 18-23 जुलाई के बीच प्रस्‍तावित है. NEET की परीक्षा 26 जुलाई को प्रस्‍तावित है. क्‍या कोरोना के कारण इन बदली हुई परिस्थितियों में इसकी तारीखों में भी बदलाव होगा? इस सवाल के जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि अभी इस संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है. अभी तय शेड्यूल के आधार पर ही हम लोग आगे बढ़ रहे हैं. बाद में इस संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा.  

सवाल- स्कूल ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं लेकिन पूरी फीस वसूल रहे हैं, क्या आपका मंत्रालय इसके अगेंस्ट कोई एक्शन लेगा?
जवाब- ऑनलाइन क्लासेस और फीस राज्यों का विषय है. ये प्राइवेट स्कूल और राज्यों के बीच का सामंजस्य है. ऐसे में राज्यों को ही इस पर फैसला लेना होगा. ये राज्यों की समस्या है.

सवाल- कोविड-19 का शिक्षा पर कितना असर पड़ा है? क्या हमारा शिक्षा तंत्र ऑनलाइन क्लासेस के लिए पूरी तरह से तैयार है?
जवाब- हिंदुस्तान में एक हजार से अधिक विश्‍वविद्यालय हैं. एक करोड़ से अधिक शिक्षक, 33 करोड़ से ज्यादा छात्र हैं. ये चुनौतियां हैं, इसे हमारे देश के नौजवान अवसर में बदल रहे हैं. हमारे युवा छात्र कोरोना काल में घर बैठे अनुसंधान कर रहे हैं. हमारे देश में पूरे संसाधन मौजूद हैं. अब 50 हजार से ज्यादा छात्रों ने विदेशों में अपना एडमिशन कैंसिल करा दिया है. सब भारत में पढ़ना चाहते हैं. हमारे संस्थान सक्षम और सुदृढ़ हैं और मुझे अपने देश के शिक्षकों पर पूरा भरोसा है.

सवाल- कोरोना काल में अभिभावक बच्चों की फीस देने में सक्षम नहीं हैं. स्कूल के मैनेजमेंट शिक्षकों की सैलरी कैसे देंगे? शिक्षकों का क्या भविष्य होगा?
जवाब- देश के प्रधानमंत्री ने लोगों से संकट के समय में एक दूसरे का साथ देने के लिए कहा है. पीएम ने सभी को कहा है कि कर्मचारियों के वेतन न रोकें. ऑनलाइन शिक्षा शुरू होने के बावजूद अध्यापकों की जरूरत कम नहीं होने वाली है. उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है.

सवाल- स्कूल खोलने की क्या संभावना है? सोशल डिस्टेंसिंग का कैसे पालन होगा?
जवाब- छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए फैसला लिया जाएगा. टास्क फोर्स बनाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग और गृह मंत्रालय से विचार करके आगे कदम उठाए जाएंगे.

सवाल- मंदिर, मस्जिद, मॉल सब खुल गए, स्कूल क्यों नहीं खोले गए?
जवाब- लॉकडाउन का फैसला नहीं होता तो कोरोना से भयावह स्थिति हो जाती. 98 परसेंट पैरेंट्स चाहते हैं कि अभी स्कूल न खुले. बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं. हम उनके जीवन को रिस्क में नहीं डाल सकते. हमारे लिए बच्चों का जीवन उनके शिक्षा से ज्यादा जरूरी है.

सवाल- इस दौर में आपको कितनी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा?
जवाब- हमारे सामने कई कठिनाइयां आईं. नवोदय विद्यालयों में पढ़ने वाले 3500 छात्रों को विभिन्न राज्यों में उनके घर पहुंचाया. जो छात्र हॉस्टल में हैं उनका ख्याल रखा गया. घर पर बैठे छात्र तनाव मुक्त रहें इसके लिए हमने काम किया.

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