Knowledge: ये कुछ ऐसा होता है, B-15. हर सिलेंडर पर अपना अलग कोड लिखा होता है. लेकिन क्या आप इन कोड्स का मतलब जानते हैं?
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नई दिल्लीं: Knowledge: प्रधानमंत्री की उज्ज्वला योजना के बाद से गांव के लोगों तक LPG गैस की पहुंच हो गई है. हम लोगों ने अपने घरों में गैंस के ये सिलेंडर जरूर देखे होंगे. लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि गैस सिलेंडर के हत्थे की किसी पट्टी पर एक कोड लिखा होता है. ये कुछ ऐसा होता है, B-15. हर सिलेंडर पर अपना एक अलग कोड लिखा होता है. लेकिन क्या आप इन कोड्स का मतलब जानते हैं. दरअसल, इनका संबंध आपकी सुरक्षा से है. आइए जानते हैं.
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टेस्टिंग डेट के लिए लिखे जाते हैं कोड
दरअलस, सिलेंडर पर लिखे इन कोड्स में अंग्रेजी के चार अक्षर का इस्तेमाल किए जाते हैं. ये ABCD होते हैं. इनका संबंध महीने से होता है. A का इस्तेमाल जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए किया जाता है. वहीं, B का यूज अप्रैल, मई और जून के लिए किया जाता है. C का यूज जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए किया जाता है. ठीक इसी तरीके से D का इस्तेमाल अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए किया जाता है.
अंग्रेजी के अक्षरों के बाद आने वाले अंकों का मतलब उस साल से होता है, जिसमें उनकी टेस्टिंग होनी वाली होती है. ऐसे समझिए कि आपके गैस पर B-30 कोड लिखा है. इसका मतलब इस गैस सिलेंडर की टेस्टिंग, साल 2030 के अप्रैल, मई और जून में की जाएगी. अगर टेस्टिंग का डेट निकल गया है, तो समझिए सिलेंडर आपके लिए काफी खतरनाक है.
कितने साल की होती है गैस सिलेंडर की एक्पायरी
बता दें कि भारत में बनने वाले गैस सिलेंडर के लिए BIS 3196 मानक का पालान किया जाता है. इसके तहत बने गैस सिलेंडर की लाइफ 15 साल होती है. ऐसे में किसी भी गैस सिलेंडर की दो बार टेस्टिंग की जाती है. पहले टेस्टिंग 10 साल पर होती है. इसके बाद दूसरी टेस्टिंग 5 साल बाद होती है.