Current Affairs: आखिर ये क्लबहाउस क्या बला है, क्यों हो रही है इसकी चर्चा?
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Current Affairs: आखिर ये क्लबहाउस क्या बला है, क्यों हो रही है इसकी चर्चा?

ये क्लबहाउस क्या बला है. कैसे इसका इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही साथ सवाल ये भी है कि ये अन्य मौजूद प्लेटफॉर्म से कैसे अलग है. आज के Current Affairs पैकेज में हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 

Current Affairs: आखिर ये क्लबहाउस क्या बला है, क्यों हो रही है इसकी चर्चा?

नई दिल्ली: Current Affairs: भारत में इस वक्त क्लबहाउस (Clubhouse) की चर्चा काफी तेजी के साथ हो रही है. सबसे पहले यह चर्चा में तब आया, जब बंगाल चुनाव के वक्त चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस बात का खुलासा किया कि भाजपा बंगाल में काफी शानदार टक्कर दे रही है. इसके बाद यह एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने के बाद जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की वापसी पर विचार किया जाएगा.  यह बात उन्होंने कहीं और नहीं, बल्कि क्लबहाउस पर एक पाकिस्तानी पत्रकार को जवाब देते हुए कहा. 

अब ये सवाल उठता है कि ये क्लबहाउस क्या बला है. कैसे इसका इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही साथ सवाल ये भी है कि ये अन्य मौजूद प्लेटफॉर्म से कैसे अलग है. आज के Current Affairs पैकेज में हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 

क्या है क्लबहाउस? (What Is Clubhouse)
दरअसल, क्लबहाउस एक सोशल मीडिया एप है. ठीक वैसे ही, जैसे वाट्सअप या जूम. हम वाट्सअप का इस्तेमाल करके एक दूसरे से टैक्स्ट में बात करते हैं. क्लबहाउस सिर्फ ऑडियो फॉर्मेट में काम करता है. मतलब यहां लोग अपनी आवाज के जरिए एक-दूसरे से बात करते हैं. हालांकि, यहां  सीमा तय नहीं है. जैसे आपके फोन पर कॉन्फ्रेंस करने के लिए लोगों को जोड़ने की एक तय सीमा है. लेकिन यहां इस मामले में फायदा मिलता है. 

दूसरों से कैसे है अलग?
अब आप सोच रहे होंगे कि ये दूसरों से कैसे अलग है. मतलब लोग आपस में बात फेसबुक, वाट्सअप, ट्विटर या जूम कॉल पर भी कर सकते हैं. दरअसल, यहां मॉडरेटर की भूमिका अहम होती है. वह एक रूम क्रिएट करता है. जिसके बाद उसकी मर्जी के बिना कोई जुड़ नहीं सकता है. यहां तक कि कौन बोलेगा, यह भी मॉडरेटर ही तय करता है. जब किसी को बोलने की इच्छा होती है, तो वह मॉडरेटर को हैलो बोलता है. स्क्रीन पर उसकी फोटो के सामने ये दिखाई देता है. ऐसे में अगर मॉडरेटर को लगता है कि इस वक्त बोलना जरूरी है, तो वह उसे एक्सेस देता है. ऐसा करेने से बातचीत के दौरान बेवजह का शोर नहीं होता है और सभी लोग अपना पक्ष रख पाते हैं. 

कब हुआ फेमस?
दुनिया के तमाम एप्स की तरह, इसे भी अमेरिका के सिलेकॉन वैली से काफी इनवेंस्टमेंट मिला है. द वाशिंगटन पोस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इसके फेसम होने की शुरुआत जनवरी 2021 में हुई. एक शो के दौरान इस प्लेटफॉर्म पर फेमस बिजनेस मैन और टेस्ला-स्पेस एक्स के मालिक एलन मस्क बोलने आए. इस दौरान जनता का हूजूम इस एप पर टूट पड़ा. यही नहीं फेसबुक के संस्थापक मॉर्क जुकरबर्ग भी एक शो के दौरान इस एप पर आए. हालांकि, तब भीड़ की वजह से एप के सर्वर में दिक्कत आ गई थी. फरवरी आते-आते एप को डाउनलोड करने वालों की संख्या 2 मिलियन पार कर गई. 

इस देश में है बैन
क्लबहाउस को अपनी पॉलिस को लेकर आलोचना का भी शिकार होना पड़ता है. आलोचक कहते हैं कि यहां हेट स्पीच को रोकने के लिए कोई खास पॉलिस नहीं है. जबकि अन्य प्लेटफॉर्म इस विषय पर काफी काम कर रहे हैं. वहीं बता दें कि फिलहाल यह हमारे पड़ोसी देश चीन में बैन है. 

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