Current Affairs: इस शख्स ने बनाई और पहली बार बेची बिटक्वाइन, जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी ABCD
इस वक्त एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 37 लाख रुपये है. क्या आपने सोचा है कि आखिर पहला बिटक्वाइन किसने खरीदा था.
नई दिल्ली: Current Affairs: क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया एक बार फिर चर्चा में है. इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां बनाने वाले उद्योगपति एलन मस्क (Elon musk) ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि वो टेस्ला की गाड़ियां खरीदने के लिए बिटक्वाइन (Bitcoin) को मंजूरी देंगे. लेकिन अब वह इस बात से पलट गए और ये योजना रद्द कर दी. उनकी इस एक घोषणा से बिटक्वाइन की कीमत में 10 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन उसके बावजूद इस वक्त एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 37 लाख रुपये है. क्या आपने सोचा है कि आखिर पहला बिटक्वाइन किसने खरीदा था.
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इस शख्स ने बनाई बिटक्वाइन
जिस बिटक्वाइन को लेकर पूरी दुनिया में इस वक्त हंगामा मचा हुआ है, उसे Satoshi Nakamoto नाम एक डेवलपर ने बनाया था. साल 2007 में उन्होंने बिटक्वाइन की कोडिंग लिखनी शुरू की. इसके करीब 1 साल बाद साल 2008 में बिटक्वाइन नाम से वेबसाइट के लिए डोमेन रजिस्टर्ड कराया. इसके बाद इस आभासी करेंसी के बारे में पूरे नियम-कायदे भी बताए.
लेकिन पहले बिटक्वाइन के लेनेदेन में करीब 2 साल से भी ज्यादा लग गया. पहला बिटक्वाइन Hal Finney नाम के प्रोग्रामर ने खरीदा. यह काम उन्होंने 12 जनवरी 2009 को किया. देखते ही देखते बिटक्वाइन पूरी दुनिया को हिलाने लगा.
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क्या है बिटक्वाइन
बिटक्वाइन एक क्रिप्टोकरेंसी है. सीधे शब्दों में एक डिजिटल करेंसी. इसमें लेनदेन की सारी जानकारी को Encrypt करके एक डाटाबेस में सुरक्षित रखा जाती है. इसके लिए ब्लॉक चेन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इस तकनीक में जानकारी को डिजिटली ब्लॉक के रुप में सुरक्षित किया जाता है. प्रत्येक ब्लॉक अपना स्पेशल सिग्नेचर होता है.
अब आप सोच रहे हैं कि जब करेंसी है, तो क्रिप्टोकरेंसी का जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल, इसका मुख्य उद्देश्य है कि बिना किसी बिचौलिये की मदद से पैसों का लेनदेन करना. या कहें कि बिना किसी बैंकिंग सिस्टम के पैसों को इधर से उधर करना. इस वक्त बिटक्वाइन के अलावा 150 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं.
भारत में क्या है स्थिति
भारत की बात करें, तो पहले क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया गया था. लेकिन साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने RBI के आदेश को हटाते हुए प्रतिबंध हटा दिए. वहीं, ये भी माना जा रहा है कि भारत अपनी क्रिप्टोकरेंसी ला सकता है. हालांकि, इसके सामने कई किस्म की चुनौतियां है. इसके अलावा बिटक्वाइंन के सुरक्षित करने के लिए खपत होनी वाली बिजली को लेकर भी इसका विरोध हो रहा है.