आज के Knowledge पैकेज में हम आपको डिश एंटीना और उसके बारे में कुछ ऐसी ही बाते बताएंगे.
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नई दिल्ली: टेलीविजन ऐसी चीज है, जिसके बारे में हम सब जानते होंगे. पिछले एक दशक में टीवी की दुनिया में भारी बदलाव हुआ है. पहले लंबे एंटीना के जरिए गांवों में दूरदर्शन देखा जाता था. इसके बाद DTH की एंट्री हुई और धीरे-धीरे भारत के घरों में कई टीवी चैनल्स ने एंट्री ले ली. DTH या डिश टीवी का एंटीना पहले वाले एंटीने से अलग हैं. इसमें गोल छतरी लगाई जाती है. अक्सर ये सवाल होता है कि आखिरी ये गोल ही क्यों होता है. आज के Knowledge पैकेज में हम आपको डिश एंटीना और उसके बारे में कुछ ऐसी ही बाते बताएंगे.
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आखिर गोल ही क्यों होती है छतरी?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसे जानबूझ कर इस तरीके से बनाया जाता है. ऐसा इसलिए ताकि जब कोई किरण डिश से टकराए, तो तो वह रिफलेक्ट होकर सीधी वापस न चली जाए. बल्कि फोकश पर रुक जाए. ऐसे में जब सिंगल भी छतरी से टकराते हैं, तो फीड हॉर्न पर केंद्रित हो जाते है. जब ऐसा होता है, तब टीवी पर चैनल्स चलते हैं.
सेट ऑफ बॉक्स का इस्तेमाल क्यों?
सवाल ये भी है कि आखिरी सेट टॉप बॉक्स का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? दरअसल, सेट टॉप बॉक्स सैटेलाइट से इंफॉर्मेशन लेता है. मतलब फीड हॉर्न वाले सिंग्नल सेट ऑफ बॉक्स में पहुंचते, तो इन्हें डिकोड किया जाता है. इसे डिकोडेड इंफॉर्मेशन को टीवी के माध्यम से देखते हैं.