अगर ये कहा जाए कि इस दुनिया में ऐसा जानवर मौजूद है, जो अमर है. जिसने मौत को मात दे दी.
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नई दिल्ली: दादी-नानी कहनियां सुनाया करती थीं. एक ऋषि था, जिसे वरदान मिला था. कई बार उसे मार दिया गया, लेकिन वह अपने राख में बची हड्डियों से जिंदा हो गया. वह अमर था. ऐसी कहानियों हमें बचपन में खूब लुभाती हैं. लेकिन जब हम बड़े होते हैं, तो यथार्थ में ये काल्पनिक लगने लगती हैं. अमरता एक मिथ्क लगने लगता है. लेकिन अगर ये कहा जाए कि इस दुनिया में ऐसा जानवर मौजूद है, जो अमर है. जिसने मौत को मात दे दी. ज्यादा मत सोचिए, आज के Knowledge पैकेज में हम आपको इसकी गुत्थी समझा देंगे.
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समुद्र के अंदर मौजूद है वह जानवर
समुद्र ऐसा स्थान हैं, जहां जानवरों की कमाल की विभिन्नता पाई जाती है. इनमें से ही एक है जेलीफिश. मेडूसा जैसे छवि बनाने वाले ये जीव गुब्बारे जैसा दिखता है. इसमें दोनों नर और मादा पाए जाते हैं. लेकिन इनके पैदा और मरने की कहानी काफी दिलचस्प है. ये कुछ ऐसा है कि इसे अमर जानवर कहा जाता है.
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मौत को दे चुका है मात
दरअसल, जेलीफिश की पैदा होने की प्रक्रिया और मौत एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. ये अपना जीवन लार्वा के रूप में शुरू करते हैं. ये लार्वा समुद्र में बहते रहते हैं. और जैसे ही कोई सुरक्षित चट्टान मिलती है, तो चिपक कर पॉपिल में बदल जाते हैं. धीरे-धीरे ये पॉपिल की कॉलोनी जैसी बना लते हैं. इस पॉपिल कॉलोनी में से एक दिन एक नई जेलीफिश बाहर आती है.
बीबीसी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, जब कोई जेलीफिश अपना जीवन पूरा कर लेती है, तो धीरे-धीरे से समुद्र की तली पर चली जाती है. जब ये सड़ने लगती है, तो कोशिकाएं कमाल की काम करती हैं. वे फिर से इकट्ठा होने लगती हैं. ये एक साथ आकर पॉलिप बनाती हैं. और इन्हीं पॉपिल में से नई जेलीफिश बाहर आती हैं, जिसमें वही कोशिकाएं होती हैं.