सबसे `जहरीला` राजा महमूद बेगड़ा ने बचपन से ही शुरू कर दिया था जहर खाना, वजह जान रह जाएंगे दंग
Mahmood Begada: महमूद बेगड़ा इतना जहरीला था कि अगर उसे मच्छर काट ले तो मच्छर ही जिंदा नहीं बचता था. उसके शरीर पर बैठने वाली मक्खी भी मर जाती थी. आइए जानते हैं क्यों और कैसे इतना विशैला राजा बना महमूद बेगड़ा
Interesting Facts About Mahmood Begada: इतिहास में एक से बढ़कर एक शासक हुए हैं, जिनके किस्से-कहानियां आज भी लोगों को मुंह जबानी हैं. कई राजा-महाराजा अपनी युद्ध कला के लिए तो कोई विवेक और बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाते हैं. कोई अपनी प्रजा की भलाई के लिए पूरी तरह से समर्पित थे तो किसी ने उन पर क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थी.
वहीं, इतिहास में ऐसे भी कई राजा हुए हैं, जिनकी कहानियां बेहद डरावनी और खतरनाक हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही राजा के बारे में बताने जा रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह इतिहास का सबसे जहरीला राजा था. हम बात कर रहे हैं महमूद बेगड़ा के बारे में,
पैदाइशी विशैला नहीं था ये राजा
इतिहास के पन्ने पलटने पर पता चलता है कि सुल्तान महमूद बेगड़ा पैदाइशी जहरीला नहीं था, बल्कि उसने खुद को ऐसा बना लिया था. ऐसा करने के पीछे वजह थी अपने दुश्मनों से अपनी जान बचाना. इसलिए उसने बचपन से ही जहर खाने की शुरुआत कर दी थी.
दुश्मनों से बचने के लिए किया उपाय
राजा महमूद बेगड़ा को लेकर कहा जाता है कि उसके शुभचिंतकों ने उसे बचपन से ही जहर देना शुरू कर दिया था, ताकि उसे कोई भी दुश्मन आसानी से जहर देकर ना मार सके. इसके कारण राजा का शरीर ही नहीं, बल्कि उसका खून भी आम लोगों और जीवों जैसे मच्छर-मक्खियों के लिए भी जहरीला हो चुका था.
बताया जाता है कि उसके शरीर पर जब कोई मक्खी बैठती तो वह तुरंत ही मर जाती थी. कहते हैं कि आगे चलकर महमूद बेगड़ा गद्दी पर ना बैठकर हुकूमत न कर सकें, इसलिए उसे किसी ने बचपन में ही मारने की साजिश रची और जहर दे दिया था. हालांकि, उस जहर से राजा की मौत तो नहीं हुई, लेकिन इसके बाद से उसे खाने में जहर देना शुरू कर दिया था.
जानें कौन था सुल्तान महमूद बेगड़ा
महमूद बेगड़ा गुजरात का 6वां सुल्तान था. आपको बता दें महमूद शाह प्रथम को ही 'महमूद बेगड़ा' के नाम से जाना जाता है, जिसका पूरा नाम 'अबुल फत नासिर-उद-दीन महमूद शाह प्रथम' था. उसने 25 मई 1458 से लेकर 23 नवंबर 1511 तक गुजरात पर अपनी हुकूमत चलाई. महमूद शाह प्रथम गुजरात के सुल्तानों में सबसे प्रमुख और बड़ा सुल्तान था.
बहुत ही कम उम्र में बिठा दिया था गद्दी पर
जब महमूद बेगड़ा गद्दी संभाली, तब वह महज 13 साल का ही था. उसने 52 साल तक की उम्र तक शासन किया. महमूद शाह प्रथम को बेगड़ा की उपाधि गिरनार और चंपानेर पर जीत हासिल करने के बाद दी गई थी. चंपानेर को जीतकर उसने इसे अपनी राजधानी बनाया था.
खतरनाक नजर आता था सुल्तान
महमूद बेगड़ा के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह अपनी दाढ़ी और मूछें बहुत लंबी करके रखता था, ताकि उसके आसपास के लोग उससे डरे और उसके दुश्मनों को वह भयानक नजर आए. कहते हैं कि एक दिन में यह राजा 35 किलो खाना खा जाता था. महमूद शाह प्रथम का रहन-सहन और वेशभूषा इस तरह की थी कि वह बहुत ही खतरनाक नजर आता था. ऐसा भी कहा जाता है कि उसके दरबारी भी एस से बढ़कर एक डरावनी वेशभूषा पहनते थे.