नई दिल्ली: गर्मियों के मौसम में प्याज एक ऐसी चीज है, जिसका इस्तेमाल जमकर किया जाता है. गर्मियों में खाने से लू नहीं लगती है. इसके अलावा प्याज का इस्तेमाल रोजना हमारी किचन में किया जाता है. फेमस इंडियन शेफ रणवीर बरार कहते हैं कि अगर भारतीय खाने को समझना है, तो प्याज को समझना काफी जरूरी है. लेकिन समझना दूर प्याज कटना ही सबसे मुश्किल काम है. जब प्याज काटने जाते हैं, तो आंखों से आंसू आ जाते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा, ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं...


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इस रसायन का है कमाल
दरअसल, प्याज में एक किस्म का रसायन पाया जाता है. इसे साइन-प्रोपेंथियल-एस-ऑक्साइड कहा जाता है. ये रसायन की आंखों में आंसू लाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. यह हमारी आंखों की लेक्राइमल ग्लैंड को उत्तेजित कर देता है, जिससे आंसू बहने लगते हैं.


कुछ ऐसी ही है रसायनिक प्रक्रिया
प्याज में कुछ एंजाइम पाए जाते हैं. ये ही साइन-प्रोपेंथियल-एस-ऑक्साइड को बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले वैज्ञानिक  एलीनेस नाम के एंजाइम को जिम्मेदार मानते थे. हालांकि, अब एक नया एंजाइम पाया गया है. जिसे लेक्राइमेट्री-फैक्टर सिंथेस कहते हैं. 


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जब हम प्याज काटते हैं, तो  लेक्राइमेट्री-फैक्टर सिंथेस  रिलीज होता है. ये एंजाइम अमीनो एसिड को  सल्फेनिक एसिड में बदल देता है. इसके बाद सल्फेनिक एसिड ही बदलकर साइन-प्रोपेंथियल-एस-ऑक्साइड बन जाता है. इसका हवा के जरिए आंखों संपर्क होता है, तो दिक्कत महसूस होती है. और आंसू बहने लगते हैं.