नई दिल्ली. मध्य प्रदेश बोर्ड (MP Board) की तरफ से 12वीं के छात्रों का रिजल्ट सीबीएसई के 30:30:40 फॉर्मूले के आधार पर नहीं तैयार किया जाएगा. क्योंकि रिजल्ट बनाने के इस फॉर्मूले पर प्राइवेट स्कूलों ने पेंच फंसा दिया है. इससे पहले CBSE की तरह ही 10वीं और 11वीं की परीक्षा के रिजल्ट को आधार बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन निजी स्कूलों ने 11वीं क्लास को इसमें शामिल करने से मना कर दिया.


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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्राइवेट स्कूलों में पिछले वर्ष 11वीं की परीक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई थी. जिसकी वजह से अधिकतर छात्रों ने परीक्षा नहीं दी थी. इसलिए प्राइवेट स्कूलों को यह डर है कि अगर नंबर कम मिलने पर कोई छात्र कोर्ट चला जाएगा, तो वे कॉपी कहां से लाएंगे. 


हालांकि रिजल्ट से नाखुश 12वीं के छात्र अगस्त में सीबीएसई की दर्ज पर स्पेशल एग्जाम दे सकेंगे. लेकिन इस बार बोर्ड की तरफ से टॉपर्स की लिस्ट की घोषणा नहीं की जाएगी. जिसकी वजह से 12वीं के मेधावी छात्रों को राज्य सरकार की लैपटॉप योजना का भी लाभ नहीं मिलेगा. 


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इस फॉर्मूले पर तैयार किया जा सकता है रिजल्ट 
मीडिया रिपोर्ट की मुताबिक मध्य प्रदेश बोर्ड की तरफ से दूसरे फॉर्मूल पर 12वीं का रिजल्ट तैयार किया जा सकता है. जिसमें 10वीं के रिजल्ट का 60% और 12वीं की छह माही परीक्षा के आधार पर 40% को आधार बनाया जा सकता है. लेकिन इसमें भी विषयों की मैपिंग की जाएगी. जैसे फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी को विज्ञान विषय से जोड़ा जाता, कार्मस के एकाउंट जैसे विषयों को गणित से जोड़ा जाएगा.


वहीं, इसी तरह आर्टस के विषयों की भी मैपिंग की जाएगी. हालांकि रिजल्ट में अधिकतम 2 से लेकर 5% तक का ही अंतर रह सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी छात्र का रिजल्ट मन से नहीं बढ़ाया जा सकेगा. 


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