जरूरी नहीं प्राइवेट स्कूल में पढ़ने से आपका बच्चा 'तेज' ही हो, रिसर्च में हुए अजीब खुलासे
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जरूरी नहीं प्राइवेट स्कूल में पढ़ने से आपका बच्चा 'तेज' ही हो, रिसर्च में हुए अजीब खुलासे

रिसर्च में पता चला है कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे और पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माइंडसेट में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.

जरूरी नहीं प्राइवेट स्कूल में पढ़ने से आपका बच्चा 'तेज' ही हो, रिसर्च में हुए अजीब खुलासे

नई दिल्ली: Child Education: एक रिसर्च में पता चला है, पेरेंट्स की आम धारणा होती है कि बच्चा अगर प्राइवेट स्कूल में पढ़ेगा तो वह अपने करियर में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगा. न्यू इंग्लैंड यूनिवर्सिटी से एजुकेशन और साइकोलॉजी में PhD करने वालीं सैली लार्सन और अलेक्जेंडर फोर्ब्स ने अपने एक रिसर्च पेपर में इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि ये धारणा गलत भी हो सकती है. 

ऑस्ट्रेलिया की स्कूलों पर की रिसर्च
सैली ने ऑस्ट्रेलिया की प्राइवेट स्कूलों पर रिसर्च करते हुए बताया कि वहां नर्सरी से चौथी कक्षा तक के 30 परसेंट और पांचवीं से आठवीं के 40 परसेंट बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं. उनकी रिसर्च में पता चला है कि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे और पब्लिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माइंडसेट में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. उनकी रिसर्च में पता चला है कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ना हर बार बेहतर नहीं होता. 

इन बच्चों ने किया बेहतर परफोर्मेंस
रिसर्च में बताया गया कि सरकारी स्कूलों के 40 परसेंट बच्चों ने प्राइवेट स्कूल के बच्चों से बेहतर परफोर्म किया है. साथ ही यह पता चला है कि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा काम होता है. लेकिन रिसर्च में यह पता चला है कि प्राइवेट स्कूलों में जाने से स्टूडेंट के स्किल सेट पर कोई असर नहीं पड़ता है. 

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