CBSE Class 10, 12 board exams 2021 dates, syllabus: जानिए सीबीएसई बोर्ड परीक्षा से जुड़े लेटेस्ट अपडेट
केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Union Education Minister) रमेश पोखरियाल सीबीएसई बोर्ड परीक्षा (CBSE Board Exam 2021) को लेकर एक बार फिर लाइव आएंगे. 17 दिसंबर को शिक्षा लाइव आकर शिक्षकों से बातचीत करेंगे.
नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री (Union Education Minister) रमेश पोखरियाल एक बार फिर कल यानी कि 17 दिसंबर को लाइव आएंगे. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए इस बात की जानकारी दी है. शिक्षा मंत्री एक बार फिर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा (CBSE Board Exam 2021) को लेकर जरूरी चर्चा करने वाले हैं. शिक्षा मंत्री इस बार आगामी बोर्ड परीक्षाओं के बारे में शिक्षकों के साथ बातचीत करने के लिए शाम 4 बजे लाइव होंगे.
शिक्षक अपनी परेशानियों को #EducationMinisterGoesLive के जरिए उनसे पूछ सकते हैं.
दूसरी बार लाइव होंगे शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री ने ट्विटर पर लिखा- 'डियर टीचर्स, मैं 17 दिसंबर को शाम 4 लाइव आऊंगा और आगामी बोर्ड परीक्षाओं के बारे में आप सभी से बात करूंगा. #EducationMinisterGoesLive का उपयोग करके अपने प्रश्नों चिंताओं को मेरे साथ शेयर करें. मुझे उन सभी को संबोधित करने में खुशी होगी.' बता दें, इस महीने में शिक्षा मंत्री दूसरी बार लाइव (Live) आकर सभी के सवालों के जवाब देने वाले हैं.
यह भी पढ़ें- CBSE Board Exam 2021: क्या जारी हो गई है Datesheet? जानिए पूरा मामला
इससे पहले 10 दिसंबर को भी वे आगामी बोर्ड (CBSE Board Exam 2021) और प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में छात्रों के प्रश्नों पर चर्चा और हल करने के लिए लाइव आए थे.
रद्द नहीं होगी कोई परीक्षा
शिक्षा मंत्री (Education Minister) ने पिछले लाइव सेशन में यह साफ कर दिया था कि कोई भी परीक्षा रद्द नहीं होगी, न ही बोर्ड की और न ही प्रतियोगी परीक्षा. सिलेबस में कमी के संबंध में शिक्षा मंत्री (Education Minister) ने खुलासा किया कि सिलेबस को कम करने के लिए विचार-विमर्श चल रहा है और स्थिति को देखते हुए फैसला लिया जाएगा.
यह भी पढ़ें- JEE Main 2021: शिक्षा मंत्री ने की बड़ी घोषणा, साल में 4 बार आयोजित होगी परीक्षा
सिलेबस में कमी के लिए पेपर पैटर्न को रिवाइज करने की संभावना है ताकि इसे समायोजित किया जा सके. JEE Main Exam 2021 के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परीक्षा में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिसमें प्रश्नपत्र में विकल्प प्रस्तुत करने की संभावना के साथ-साथ दो के बजाय एक वर्ष में चार बार परीक्षा आयोजित करना शामिल है.