राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी (NCP)) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) के लिए सोमवार को घोषणा पत्र (Manifesto) जारी किया है. एनसीपी (NCP) ने अपने घोषणा पत्र (Manifesto) में किसान, बेरोजगारी और भूमिपुत्र का कार्ड खेला है.
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मुंबई: शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी (NCP) + कांग्रेेेस (Congress) ने संयुक्त रूप से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) के लिए सोमवार को घोषणा पत्र (Manifesto) जारी किया है. एनसीपी (NCP) ने अपने घोषणा पत्र (Manifesto) में किसान, बेरोजगारी और भूमिपुत्र का कार्ड खेला है. किसानों को संपूर्ण कर्जमाफी (100 फीसदी) का बड़ा ऐलान किया है. साथ ही केजी से लेकर ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा देने का ऐलान किया है. भूमिपुत्र का कार्ड खेलते हुए नए उद्योगों में 80 फीसदी नौकरियां भूमिपूतों को मिले. इसके लिए विशेष कानून बनाने की बात कही है. साथ ही मराठी भाषा को ज्ञान भाषा बनाने, मराठी भाषा यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की है.
एनसीपी (NCP) ने अपने घोषणापत्र में आगे युवा और सुशिक्षित बेरोजगारों को 5 हजार मासिक भत्ता देने की बात कही है. सत्ता में आने पर कामगारों को 21 हजार न्यूनतम वेतन देने का वादा किया है. महाराष्ट्र के
10वीं पास 10 लाख छात्राओं को पहले साल में मुफ्त लैपटॉप देने का वादा किया है. इसके अलावा एनसीपी (NCP) ने महाराष्ट्र की जनता से वादा की है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो मोदी सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट में तय जुर्माने की रकम को वह कम कर देगी.
यहां आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) में कांग्रेस+एनसीपी (NCP) गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही हैं. दोनों पार्टियों ने 125-125 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. 24 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी और इसी दिन शाम तक नतीजे घोषित किए जाएंगे.
कांग्रेस+एनसीपी (NCP) गठबंधन का मुख्य मुकाबला बीजेपी+शिवसेना गठबंधन से है. बीजेप+शिवसेना जहां दोबारा सत्ता में बने रहने की लड़ाई लड़ रही है, वहीं कांग्रेस+एनसीपी (NCP) सत्ता पाने के लिए मैदान में उतरे हैं. विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले तक कांग्रेस और एनसीपी (NCP) के कई बड़े नेता बीजेपी या शिवसेना में शामिल हो चुके हैं. इस बार एनसीपी (NCP) और कांग्रेस ने अनुभवी नेताओं की कमी के चलते युवा चेहरों पर दांव खेला है. कांग्रेस में भंयकर गुटबाजी देखने को मिल रही है. मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संयज निरुपम ने खुलेआम झंडा बुलंद कर लिया है और पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है.