नई दिल्ली: संगीतकार एआर रहमान की प्रतिभा सामने आने से पहले उनके जीवन में एक समय ऐसा भी था जब वह खुद को असफल मानते थे और लगभग हर दिन खुदकुशी के बारे में सोचा करते थे. ऑस्कर विजेता संगीतकार ने कहा कि उनके करियर के शुरुआती दिनों में बुरे दौर ने उन्हें मजबूत बनाने में मदद की. रहमान ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘25 साल तक, मैं खुदकुशी करने के बारे में सोचता था. हम में से ज्यादातर महसूस करते हैं कि यह अच्छा नहीं है. क्योंकि मेरे पिता का इंतकाल हो गया था तो एक तरह का खालीपन था... कई सारी चीजें हो रही थीं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘(लेकिन) इन सब चीजों ने मुझे और अधिक निडर बना दिया. मौत निश्चित है. जो भी जीच बनी है उसके इस्तेमाल की अंतिम तिथि निर्धारित है तो किसी चीज से क्या डरना.’’ संगीतकार ‘नोट्स ऑफ ए ड्रीम : द ऑथराइज्ड बायोग्राफी ऑफ एआर रहमान’ में अपने मुश्किल दिनों और अन्य घटनाओं के बारे में बात की. इस किताब को कृष्ण त्रिलोक ने लिखा है. पुस्तक का विमोचन शनिवार को यहां किया गया. बता दें, बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार एआर रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966 में चेन्नई में हुआ था.
रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है. उनके पिता आरके शेखर मलयाली फिल्मों में संगीत देते थे. रहमान जब 9 साल के थें, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. पिता की मृत्यु के बाद उनके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी. पैसों के लिए घरवालों को म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट तक बेचने पड़े थे. मात्र 11 साल की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का काम शुरू किया. बैंड ग्रुप में काम करते हुए ही उन्हें लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज ऑफ म्यूजिक से स्कॉलरशिप भी मिली, जहां से उन्होंने पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में डिग्री हासिल की.
आप में से बहुत कम लोगों को पता होगा कि रहमान का असली नाम दिलीप कुमार था. धर्म परिवर्तन की जिक्र करते हुए रहमान ने एक इंटरव्यू में बताया था, "मेरे पिता के निधन के 10 साल बाद हम कादरी साहब से फिर मिलने गए थे. वह अस्वस्थ थे और मेरी मम्मी ने उनकी देखभाल की थी. वो उन्हें अपनी बेटी मानते थे. हमारे बीच मजबूत कनेक्शन था. मैं उस समय 19 साल का था. कादरी साहब से मिलने के 1 साल बाद रहमान अपने परिवार के साथ कोदाम्बक्कम शिफ्ट हो गए थे. उनका परिवार अभी भी वहां रहता है. रहमान को समझ आ गया था कि एक रास्ते को चुनना ही सही है. सूफिज्म का रास्ता उन्हें और उनकी मम्मी दोनों को बहुत पसंद था. इसलिए उन्होंने सूफी इस्लाम को अपना लिया था."
एआर रहमान की पत्नी का नाम सायरा बानो है. उनके तीन बच्चे हैं- खदीजा, रहीम और अमन. वह दक्षिण भारतीय अभिनेता राशिन रहमान के रिश्तेदार भी हैं. रहमान संगीतकार जीवी प्रकाश कुमार के चाचा हैं. 1992 में 'रोजा' के साथ फिल्म जगत में अपना सफर शुरू करने के बाद, उन्होंने अपनी रचनाओं में विभिन्न संगीत तत्वों को जोड़ कर अपनी शैली विकसित की, जिसमें पृथ्वी की प्रकृति की बहुत ही शास्त्रीय और समकालीन आवाजें शामिल हैं. रहमान की संगीत ने बॉलीवुड संगीत की आवाज को बदल कर रख दिया, और उसके बाद परंपरावादी हिंदी गाने में उनके पश्चिमी संगीत के उपयोग के तरीके पर चर्चा किया करते थे.
(इनपुट भाषा से भी)