'मंटो', 'राजी', और 'पद्मावत' को पछाड़ ‘विलेज रॉकस्टार’ बनीं ऑस्कर के लिये भारत की ऑफिशल एंट्री
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'मंटो', 'राजी', और 'पद्मावत' को पछाड़ ‘विलेज रॉकस्टार’ बनीं ऑस्कर के लिये भारत की ऑफिशल एंट्री

फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) ने शनिवार को यह घोषणा की. यह फिल्म गरीबी में पली बढ़ी लड़की धुनू की कहानी है जो इन परिस्थितियों में भी रॉक बैंड बनाने और एक दिन अपना गिटार हासिल करने के सपने से पीछे नहीं हटती.

'मंटो', 'राजी', और 'पद्मावत' को पछाड़ ‘विलेज रॉकस्टार’ बनीं ऑस्कर के लिये भारत की ऑफिशल एंट्री

नई दिल्‍ली: रीमा दास की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स’ को 91वें अकादमी पुरस्कारों में विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणी में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिये चुना गया है. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) ने शनिवार को इसकी घोषणा की. यह फिल्म गरीबी में पली बढ़ी लड़की धुनू की कहानी है जो इन परिस्थितियों में भी रॉक बैंड बनाने और किसी दिन अपना गिटार हासिल करने के अपने सपने से पीछे नहीं हटती. इस घोषण से प्रसन्न दास कहती हैं कि ‘विलेज रॉकस्टार’ के चुने जाने से पूर्वोत्तर के फिल्म निर्माताओं की एक बड़ी पहचान मिली है.

रीमा दास ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'बहुत अच्छा लग रहा है. इसे बताने के लिए मेरे पास ज्यादा शब्द नहीं हैं. पूरी यात्रा किसी परी कथा के समान है. यह पूर्वोत्तर के लिए एक बड़ी पहचान है और मुझे लगता है कि चयनित होने वाली यह पहली असमिया फिल्म है. इसलिए मेरा मानना है कि इससे क्षेत्र के फिल्मकारों के लिए बड़ा बदलाव आएगा.’

उन्होंने कहा, 'मुझे हमेशा से उम्मीद थी. मैं हमेशा ऐसे फेस्टिवल्स में जाना और पुरस्कार पाना चाहती थी. लेकिन मेरे लिए सबसे अहम यह है कि लोग इस फिल्म से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करें. इस फिल्म के जरिए मुझे उसी प्रकार का भावनात्मक जुड़ाव मिला है.' इसकी घोषणा एफएफआई की ऑस्कर पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष एस वी राजेंद्र सिंह बाबू ने की.

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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह मानवीय पहलू पर बनी तकनीकी रूप से अच्छी फिल्म है जो विश्व भर में लोगों को पसंद आएगी. हम ऐसी फिल्म को सम्मान दे रहे हैं जो ऑस्कर के मंच पर पहुंचने की हकदार है. हमें इस बात की उम्मीद है कि लोग इसे देखेंगे और इसे सम्मान देंगे.' फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ) 2017 में हुआ था और 70 से अधिक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में यह फिल्म दिखाई जा चुकी है.

संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावत’, आलिया भट्ट स्‍टारर ‘राजी’, रानी मुखर्जी अभिनीत ‘हिचकी’, शूजित सरकार की ‘अक्टूबर’, तबरेज नूरानी निर्देशित ‘लव सोनिया’, ‘तुमबाद’, ‘हल्का’, ‘कड़वी हवा’ और हाल में प्रदर्शित ‘मंटो’ उन 28 फिल्मों की लिस्‍ट का हिस्सा थीं, जिसे अगले साल के ऑस्कर के लिये सौंपा गया था. किसी भी भारतीय फिल्म ने अब तक ऑस्कर पुरस्कार नहीं जीता है. विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणी में अंतिम पांच में जगह बनाने वाली आखिरी भारतीय फिल्म आशुतोष गोवरीकर निर्देशित ‘लगान’ थी. अमित मासुरकर निर्देशित और राजकुमार राव अभिनीत हिंदी फिल्म ‘न्यूटन’ पिछले साल ऑस्कर के लिये भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी.

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