परफेक्शन पर ये क्या बोल गए आयुष्मान खुराना, आप भी सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे
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परफेक्शन पर ये क्या बोल गए आयुष्मान खुराना, आप भी सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे

आयुष्मान ने कहा, हमारी कमियां ही हमें वास्तविक बनाती हैं और हर कोई ऐसे लोग और कहानियों से जुड़ जाते हैं जो वास्तविक हैं, जिससे वे आसानी से खुद को जुड़ा महसूस करते हैं.

फोटो साभार : इंस्टाग्राम

मुंबई : लगातार 7 सुपरहिट फिल्में देने वाले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) इन दिनों 'बाला' की सफलता को एन्जॉय कर रहे हैं. इससे पहले विक्की डोनर, बधाई हो, ड्रीम गर्ल, शुभ मंगल सावधान, 'अंधाधुंध' और 'अर्टिकल-15' ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया. अभिनेता आयुष्मान खुराना वर्तमान में दर्शकों के पसंदीदा इम्परफेक्ट (अपूर्ण) हीरो हैं. वह इम्परफेक्ट किरदारों को ही सबसे अधिक वास्तविक मानते हैं. इसके साथ ही उनका मानना है कि वास्तविकता और स्थिरता के कारण ही दर्शक ऐसे लोगों से जल्द जुड़ जाते हैं. आयुष्मान ने कहा, हमारी कमियां ही हमें वास्तविक बनाती हैं और हर कोई ऐसे लोग और कहानियों से जुड़ जाते हैं जो वास्तविक हैं, जिससे वे आसानी से खुद को जुड़ा महसूस करते हैं.

लोगों को परेशानियों, खुशियों, दर्द, जीत, महत्वाकांक्षाओं, खामियों को समझना चाहिए और कहना चाहिए कि 'हम जैसे हैं, हम वैसा ही महसूस करते हैं और हम ऐसे ही जीवन जीते हैं और यही बात मुझे अपनी फिल्मों को चुनने के लिए प्रेरित करती है.

'विक्की डोनर', 'दम लगा के हइसा', 'बरेली की बर्फी' 'शुभ मंगल सावधान', 'बाला' और 'अंधाधुन' जैसी फिल्मों में आयुष्मान की इम्परफेक्ट किरदारों को लोगों ने काफी पसंद किया. आयुष्मान ने खुलासा किया कि परफेक्शन काफी बोरियत भरा होता है.

अभिनेता ने कहा, 'इम्परफेक्शन में एक अंतर्निहित आकर्षण है, जो बहुत जल्द फैलता है. वे बहुत दिलचस्प होते हैं, उनका एक अलग व्यक्तित्व है, उनका सफर काफी मनोरंजक होता है.'

उन्होंने आगे कहा, 'आज के दौर में परफेक्शन (पूर्णता) बीते जमाने की बात है, क्योंकि हम सभी महसूस कर चुके हैं कि हम इम्परफेक्ट हैं। हम अब पूर्ण बनने की आकांक्षा नहीं रखते हैं, हम बेहतर होने की आकांक्षा रखते हैं.'

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