प्रसून जोशी के सीबीएफसी चीफ बनाए जाने पर बंगाली फिल्मकारों ने भी जताई खुशी
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प्रसून जोशी के सीबीएफसी चीफ बनाए जाने पर बंगाली फिल्मकारों ने भी जताई खुशी

'बाघ बहादुर' के निर्माता ने निहलानी पर निशाना साधते हुए कहा, 'उन्होंने पहले ही दिन से समस्याएं खड़ी करनी शुरू कर दी थीं और फिल्म निर्माताओं तथा अन्य वर्गों पर अपने राजनीतिक विचारों का पालन करने का दबाव बनाया. उन्हें हटा दिया गया, यह अच्छा हुआ'

सेंसर बोर्ड की जिम्मेदारी सिनेमा की कला के प्रति है (फाइल फोटो)

कोलकाता: बंगाल के जानेमाने फिल्म निर्माताओं ने सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद पर प्रख्यात गीतकार और पटकथा लेखक प्रसून जोशी की नियुक्ति का आज स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे बोर्ड की कार्यप्रणाली के लिए बेहद जरूरी बदलाव हो सकेंगे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त निर्देशक बुद्धदेव दासगुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने वास्तव में सेंसर बोर्ड को अपने निजी कार्यालय में बदल लिया था. वह यह भूल गए थे कि सेंसर बोर्ड की मुख्य भूमिका दृश्यों का संपादन करना नहीं बल्कि सिनेमा की कला के प्रति जिम्मेदारी दिखाना है'.  

'बाघ बहादुर' के निर्माता ने निहलानी पर निशाना साधते हुए कहा, 'उन्होंने पहले ही दिन से समस्याएं खड़ी करनी शुरू कर दी थीं और फिल्म निर्माताओं तथा अन्य वर्गों पर अपने राजनीतिक विचारों का पालन करने का दबाव बनाया. उन्हें हटा दिया गया, यह अच्छा हुआ'.  अपनी पिछली फिल्म 'शंकाचिल' से देश-विदेश में प्रशंसा बटोरने वाले निर्देशक गौतम घोष ने कहा, 'एक फिल्म निर्माता के तौर पर मेरी पहली इच्छा यह है कि श्याम बेनेगल समिति की रिपोर्ट को लागू किया जाए, मैं भी उस समिति का सदस्य था'. श्याम बेनेगल समिति की स्थापना एक जनवरी 2016 को हुई थी जिसे फिल्म प्रमाणन के लिए ऐसे नियम कायदे बनाने का जिम्मा सौंपा गया था जो कलात्मक और रचनात्मक अभिव्यक्ति को पर्याप्त जगह दे. समिति ने अपनी रिपोर्ट 29 अप्रैल 2016 को सौंप दी थी लेकिन अब तक इस पर बहुत कम प्रगति हुई है.

केंद्र ने 11 अगस्त को निहलानी को हटाकर जोशी को नया अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी. निहलानी अपने विवादित बयानों के चलते खबरों में बने रहते थे.

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