इस एक्ट्रेस की वजह से राज कपूर और उनके बेटे में हुआ था मनमुटाव
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इस एक्ट्रेस की वजह से राज कपूर और उनके बेटे में हुआ था मनमुटाव

1985 में शो मैन राज कपूर की एक बड़ी फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' रिलीज हुई. इस फिल्म में उनके तीसरे बेटे राजीव कपूर को बतौर हीरो कास्ट किया. हालांकि वे अपने बेटे की एक्टिंग स्किल से खुश नहीं थे और हीरो की भूमिका में उस समय के किसी स्टार को लेना चाहते थे.

राम तेरी गंगा मैली फिल्म के एक सीन में मंदाकिनी

नई दिल्ली: 1985 में शो मैन राज कपूर की एक बड़ी फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' रिलीज हुई. इस फिल्म में उनके तीसरे बेटे राजीव कपूर को बतौर हीरो कास्ट किया. हालांकि वे अपने बेटे की एक्टिंग स्किल से खुश नहीं थे और हीरो की भूमिका में उस समय के किसी स्टार को लेना चाहते थे. पर पत्नी कृष्णा कपूर के कहने पर उन्होंने राजीव को साइन कर लिया.

  1. राजीव शुरू से रहे साइड लाइन्ड
  2. राजीव ने पाल ली गांठ
  3. मंदाकिनी ने खूब उठाया फायदा

हीरोइन की तलाश एक बिलकुल नई लड़की मंदाकिनी पर जा कर खत्म हुई, जिसका असली नाम यास्मीन जोसेफ था. राज कपूर ने ही उसका नाम मंदाकिनी रखा और बड़े जोर-शोर से उसे लॉन्च किया.

राजीव शुरू से रहे साइड लाइन्ड
राज कपूर ने फिल्म की कहानी मंदाकिनी के इर्द-गिर्द रखी और उसके रोल को काफी इंपॉर्टेंस दिया. खबर तो यह भी थी कि राज साहब मंदाकिनी को सीन समझाने में घंटों लगा देते थे और हर कहीं मंदाकिनी के साथ देखे जाते थे. राजीव उस समय युवा थे और उन्हें भी मन था कि अपनी हीरोइन के साथ वक्त बिताए और उसे जाने.

आउटडोर शूटिंग के दौरान राजीव ने मंदाकिनी के पास आने की कोशिश की. मंदाकिनी ने यह बात राज साहब को बता दी. राज कपूर ने पूरे यूनिट के सामने राजीव को डांट दिया और मंदाकिनी से दूर रहने की सलाह दी.

राजीव ने पाल ली गांठ
फिल्म रिलीज हुई और सुपर हिट हो गई. इस फिल्म का पूरा क्रेडिट राज साहब और हीरोइन मंदाकिनी को मिला. राजीव को इस फिल्म की कामयाबी के बाद एक भी फिल्म का ऑफर नहीं मिला. दूसरी तरफ मंदाकिनी रातों-रात सुपरस्टार बन गई.

मंदाकिनी ने खूब उठाया फायदा
राज कपूर की हीरोइन होने का मंदाकिनी खूब फायदा उठाया. राज साहब ने खुद भी आउट ऑफ दे वे जा कर उसे प्रमोट किया. इसके बाद बाप-बेटे में जो झगड़ा हुआ, उसे राज कपूर स्टुडियो में सबने देखा. राजीव की शिकायत थी कि पापा ने उसे ले कर कोई और फिल्म क्यों नहीं बनाई, उसे असिस्टेंट बना कर क्यों रखा है. इस झगड़े के बाद बाप-बेटे में अर्से तक बोलचाल बंद रही.

राजीव कपूर ने मंदाकिनी से भी बोलचाल का कोई रिश्ता नहीं रखा. यह अलग बात है कि मंदाकिनी का करियर भी बहुत लंबा नहीं चला. राजीव तो खैर कभी इंडस्ट्री में जम ही नहीं पाए. एक्टर नहीं बन पाए. प्रेम ग्रंथ फिल्म बनाई, जो बुरी तरह फ्लॉप रही.

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