भोजपुरी सुपरस्टार निरहुआ 'जादूज' के साथ मिलकर यूपी में बनाएंगे मिनी थिएटर
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भोजपुरी सुपरस्टार निरहुआ 'जादूज' के साथ मिलकर यूपी में बनाएंगे मिनी थिएटर

जादूज के प्रबंध निदेशक राहुल नेहरा ने कहा, "हमें निरहुआ जी के साथ जुड़ने पर बहुत गर्व है. उनका उद्देश्य मध्य भारत में मनोरंजन और शिक्षा को आकार देना है."

निरहुआ ने कहा कि मिनी सिनेमा का उद्देश्य मात्र मनोरंजन नहीं है, बल्कि इसे शिक्षा के साथ भी जोड़ा जाएगा.

नई दिल्ली: भोजपुरी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता दिनेशलाल यादव निरहुआ अब अर्थ इनवेस्टमेंट कंपनी 'जादूज' के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश सहित मध्य भारत में 250 मिनी थिएटर बनाएंगे. निरहुआ ने रविवार को बताया कि हर तहसील में एक सिनेमा की परिकल्पना के साथ उतरी 'जादूज' का सपना उत्तर प्रदेश और मध्य भारत में सिनेमा के परिदृश्य को 'अगली पीढ़ी के मिनी-थियेटरों' के निर्माण से बदलने का है.

उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं है
निरहुआ ने कहा कि मिनी सिनेमा का उद्देश्य मात्र मनोरंजन नहीं है, बल्कि इसे शिक्षा के साथ भी जोड़ा जाएगा. थिएटर के माध्यम से युवाओं को आईआईटी और आईआईएम से संबंधित शिक्षा भी दी जाएगी. जादूज के प्रबंध निदेशक राहुल नेहरा ने कहा, "हमें निरहुआ जी के साथ जुड़ने पर बहुत गर्व है. उनका उद्देश्य मध्य भारत में मनोरंजन और शिक्षा को आकार देना है." फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) के महासचिव सुप्रण सेन का कहना है कि इस तरह की पहल से सिनेमा और मनोरंजन के साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे. निरहुआ ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में मनोरंजन और शिक्षा के परिवर्तन के लिए समर्पित हैं और यह संगठन इसमें उनकी मदद करेगा.

आजमगढ़ सीट पर जबरदस्त रहा था मुकाबला
गौरतलब है कि इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में आजमगढ़ सीट पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा प्रत्याशी दिनेशलाल यादव 'निरहुआ' को 2 लाख 59 हजार वोटों से हरा दिया. भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार निरहुआ और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच आजमगढ़ सीट पर मुकाबला काफी रोचक रहा. निरहुआ की पॉपुलैरिटी को बीजेपी ने यूपी में भुनाने की कोशिश तो की, लेकिन वह कामयाब नहीं रही. मुस्लिम और यादव समुदाय का वोट इस सीट पर निर्णायक साबित हुआ और उन्होंने वहां के जाने-माने नेता अखिलेश यादव को जीत का ताज पहनाया. 

अपने उद्देश्य में कामयाब हुए निरहुआ
निरहुआ ने बताया कि वह भले ही लोकसभा का चुनाव हार गए हों, लेकिन वह अपने उद्देश्य में कामयाब हुए हैं, क्योंकि वह पीएम मोदी को फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते थे और वही हुआ है कि पीएम मोदी एक बार फिर से देश के प्रधानमंत्री बने हैं. उन्होंने कहा कि हार के बाद भी आने वाले 5 सालों में आजमगढ़ में उनकी सक्रियता इतनी हो कि उतना अखिलेश यादव जीत के बाद भी नहीं कर कर पाएंगे.

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