बॉलीवुड की ‘फेवरेट मां’ रीमा लागू (Reema Lagoo) ने अपनी एक्टिंग करियर में पहली बार निगेटिव रोल किया था और यही उनका आखिरी रोल साबित हुआ.
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नई दिल्ली: मीठी आवाज और मनमोहक हंसी के साथ अपने एक्टिंग से रीमा लागू (Reema Lagoo) ने चार दशक तक फिल्म और टेलीवीजन इंडस्ट्रीज में राज किया था. अगर आपको लगता है कि रीमा ने केवल मां की ही भूमिका निभाई है तो आपको बता दें कि रीमा लागू के एक्टिंग करियर में मां का रोल बाद में मिलना शुरू हुआ था. इससे पहले वह कई फिल्मों में कई तरह के रोल कर चुकी थीं. 18 मई 2017 में रीमा लागू की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. आज उनकी पुण्यतिथि पर उनके जीवन के अनछुए पहलुओं पर नजर डालते हैं.
थिएटर, टीवी से होते हुए पहुंची बॉलीवुड तक
रीमा लागू ने मराठी थियेटर से अपने करियर को शुरू किया और टीवी से होते हुए वह बॉलीवुड में आ गईं. रीमा लागू को लोग फेवरेट मां के रूप में जरूर जानते हैं और पसंद भी की गईं, लेकिन उन्होंने कई फिल्में की हैं जिसमें वह लीड रोल की थी. वहीं कॉमेडी सीरियल 'श्रीमान श्रीमती जी' और 'तू-तू-मैं-मैं' जैसे सीरियल में उनकी एक्टिंग को भूला नहीं जा सकता.
12 साल की उम्र में शुरू किया था थिएटर करना
रीमा का जन्म 1958 में हुआ था. उनकी मां मंदाकिनी भदभदे भी जानी-मानी थियेटर आर्टिस्ट थीं. 12 साल की उम्र में रीमा ने थिएटर करने के साथ-साथ मराठी और हिंदी की कला फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया. 1979 में उन्होंने ‘सिंहासन’ में एक राजनेता की महत्वाकांक्षी बहू की भूमिका निभाई थी.
1980 में बॉलीवुड में रखा कदम
रीमा लागू ने 1980 में रीमा लागू ने गोविंद निहलानी की ‘आक्रोश’ और श्याम बेनेगल की ‘कलियुग’ से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की. आक्रोश में वह नौटंकी वाली बनी थीं और इसमें इनकी खूबसूरती उभर कर सामने आईं.
पहली और आखिरी बार किया निगेटिव रोल
रीमा लागू कई टीवी सीरियल में काम किया लेकिन उनका आखिरी सीरियल 'नामकरण' था और इसमें उन्होंने निगेटिव करेक्टर प्ले किया था. ये उनका पहला और आखिरी सीरियल था जिसमें वे निगेटिव किरदार निभा रही थीं. फिल्ममेकर महेश भट्ट ने ही उन्हें यह रोल करने के लिए मुश्किल से राजी किया था.
फिल्म रिहाई में किया था बोल्ड किरदार
फिल्म ‘रिहाई’ में रीमा लागू ने अपने आम रोल से अलग एक बोल्ड किरदार निभाया था. हालांकि इस रोल को लेकर खासा विवाद भी खड़ा हो गया. इस फिल्म में वे एक ऐसी महिला की भूमिका में थीं जिसका पति उसके पास नहीं रहता और इस वजह से उसे किसी दूसरे पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाने में कोई हिचक नहीं है.
हम आपके हैं कौन थी यादगार फिल्म
1989 में रिलीज हुई ‘मैंने प्यार किया. के बाद वे 1994 की सुपरहिट ‘हम आपके हैं कौन’ में भी एक बार फिर मां के के ऐसे रोल में नजर आई जो सबके दिल पर छा गया. इसके बाद से रीमा पर फेवरेट मां होने का ठप्पा लग गया.
मौत से पहले भी किया काम
रीमा लागू ने अपनी मौत से चंद घंटो पहले तक शूटिंग की थी. शाम को वह घर आईं और आधी रात में उनके सीने में दर्द हुआ और वह हॉस्पिटल में एडमिट हुईं, लेकिन सुबह ही उनको अटैक आया और वह इस दुनिया को विदा कर गईं.