पढ़ाई पापा के लिए की, एक्टिंग अपने लिए करता हूं - विनीत कुमार
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पढ़ाई पापा के लिए की, एक्टिंग अपने लिए करता हूं - विनीत कुमार

फिल्म मुक़बाज़ से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले एक्टर विनीत कुमार के किरदार को फिल्म गोल्ड में भी लोगो ने बेहद पसंद किया.

अभिनेता विनीत कुमार के किरदार को फिल्म गोल्ड में लोगों ने काफी पसंद किया (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : फिल्म 'मुक्काबाज़' से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने वाले एक्टर विनीत कुमार के किरदार को फिल्म गोल्ड में भी लोगो ने बेहद पसंद किया. हमेशा से एक्टिंग में रुचि रखने वाले इस एक्टर को एक्टिंग में आने के लिए कई पड़ाव पार करने पड़े.

  1. अभिनेता विनीत कुमार के किरदार को फिल्म गोल्ड में लोगों ने काफी पसंद किया
  2. विनीत ने मेडिकल की पढ़ाई की है, उनके पिता चाहते थे वो पढ़ाई पूरी करें
  3. उन्हें बचपन से ही एक्टिंग का शौक था, उन्होंने इसमें ही कैरियर बनाना बेहतर समझा

पिता के लिए पढ़ाई की

कुछ लोगो के लिए मेडिकल की पढ़ाई करना ही एक मुश्किल पड़ाव होता है, लेकिन विनीत ने मेडिकल की डिग्री हासिल की ताकि वो एक्टिंग करने मुम्बई आ सके. विनीत के पिता चाहते थे कि वो पढ़ाई पूरी करे. विनीत ने तय किया, की वो पहले अपने पिता का सपना पूरा करेंगे और फिर अपना. विनीत बताते है, "मैंने मेरे पापा के लिए पढ़ाई की. मैं जब मेडिकल कॉलेज गया था, मैं तब भी क्लियर था कि मुझे आगे जा कर अभिनय के क्षेत्र में काम करना है. होते होते, इतना कुछ हो गया कि अब लोग बोलते हैं, अच्छा लगता है. ऐसे में अगर मेरी इन कोशिशों की वजह से किसी को प्रेरणा मिलती हैं तो यह बड़ी अच्छी बात हैं."

काफी स्ट्रगल के बाद मौका मिला
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद विनीत ने मुम्बई आने का फैसला किया और उसके बाद विनीत के फिल्मी कैरियर की शुरुआत हुई. बहुत मेहनत और स्ट्रगल के बाद विनीत को बड़े पर्दे पे आने का मौका मिला. 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'अगली' जैसी प्रशंसित फिल्मों में काम करने के बाद भी विनीत को बॉलीवुड में असली पहचान फिल्म 'मुक्काबाज' से मिली. और अब अक्षय कुमार की फ़िल्म गोल्ड में भी इम्तियाज के करैक्टर को बखूबी निभा के विनीत ने लोगों का दिल जीत लिया.

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जो समझ आया करता चला गया
विनीत ने कहा, " मुझे जो समझ में आया मैं करता गया, पीछे मुड़ के अब देखता हूँ तो लगता है, यह कैसे कर लिया. लेकिन उस वक़्त में जो दस कदम मुझे दिखाई देते थे, मैं उसके बारे में सोचता था और बढ़ता जाता था. मेरे पिता जी हमेशा एक बात बोलते थे कि कभी हिमत मत हारना. ऊपर वाले की ताकत में कभी भरोसा मत खोना, कही न कही रास्ता बन ही जाता है."

लोगों को प्रेरित करना अच्छा लगता है
आज विनीत इस मुकाम पे पहुंच के न सिर्फ बेहद खुश है बल्कि इस बाद से संतुष्ठ है कि उनकी कामयाबी लोगो को प्रेरित कर रही है. विनीत ने बताया, फिल्म 'मुक्काबाज' के बाद उन्हें एक कॉल आया , शक़्स ने अपना नाम नही बताया लेकिन विनीत की फिल्म से मिली प्रेरणा ने कैसे उनकी ज़िंदगी बदल दी, उसका जिक्र किया. विनीत बताते है, "मुझे एक फ़ोन कॉल आया था, एक ऐसे नम्बर से जिसे मैं नहीं जानता था. मैंने फ़ोन उठाया और सामने से आवाज आयी कि विनीत भाई नाम मत पूछना, मैं कौन बोल रहा हूं. मैं कुछ कहना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि विनीत भाई, मैं डूब गया था, मेरे डूबने की खबर थोड़े दिन में लोगो को मिल जाती. लेकिन आपकी फ़िल्म देख के, आपकी तैयारियां देख के मैं बच गया और मैं ज़िन्दा हूँ. और मैं फ़िर से सारी कोशिशें करने वाला हूँ. उन्होंने कहा कि कही न कही यह चीज़ मुझे हौसला देती हैं कि मैं सही रास्ते पे जा रहा हूँ. और अगर मेरी वजह से किसी को हिमत मिल रही है, तोह यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है." विनीत जल्द ही दृश्यम की फ़िल्म 'आधार' में नज़र आएंगे. हाल ही में विनीत इस फ़िल्म की रिसर्च के लिए झारखंड भी गए थे.

 

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