कोरोना वायरस के कारण बॉलीवुड स्टार्स के जेब पर पड़ी मार, फीस में होगी कटौती!
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कोरोना वायरस के कारण बॉलीवुड स्टार्स के जेब पर पड़ी मार, फीस में होगी कटौती!

अब भले ही सलमान हो या अक्षय या कोई और बड़ा एक्टर जोकि कोविड से पहले अपनी फिल्म से 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई करता था आज 25 से 40 प्रसेंट तक की कम फीस पर साइन हो सकते हैं. 

कोरोना वायरस के कारण बॉलीवुड स्टार्स के जेब पर पड़ी मार, फीस में होगी कटौती!

नई दिल्ली: कोविड से पूरी दुनिया का गणित उथल पुथल हो गया है. बहुत से सेक्टर्स में लोगों के पे पैकेज कम किए गए है. बॉलीवुड में भी अब कुछ ऐसा ही हो रहा है. लद गए वो दिन जब खान्स और ए-लिस्ट स्टार्स की फीस ही फिल्म का 70-80 प्रतिशत बजट ले जाती थी. अब फिल्म निर्माता हर सितारे को पहले से कम पर साइन करना चाहते हैं क्योंकि पहले तो फिल्में सिनेमा घरों में रिलीज हो नहीं रहीं और अगर होती भी है तो काफ़ी समय तक हाउसफ़ुल नहीं जा पाएंगी. नतीजन कम कमाई. जब कमाई कम तो फीस कम क्यों नहीं. 

  1. फिल्मी सितारों की फीस कम
  2. निर्माता नहीं साइन करना चाहते पहले की फीस पर
  3. बड़े सितारे कर सकते हैं कम पे कट
  4. 25-40 प्रसेंट कम फीस पर फिल्में होंगी साइन?

दूसरा अगर फिल्में OTT platform पर रिलीज होती हैं तो उन Platforms पर कंटेंट किंग है ना कि स्टारडम. बिना किसी बड़े सितारे के 'पाताल लोक' हिट तो बिग बी की 'गुलाबो सिताबो' में लोगों को वो बात नहीं दिखी. ऐसे में कम बजट में जब OTT का कंटेंट हिट रहता है तो क्यों कोई निर्माता 80 करोड़ की फीस में बड़ा सितारा साइन करके अपना मुनाफा कम करे. 

अब भले ही सलमान हो या अक्षय या कोई और बड़ा एक्टर जोकि कोविड से पहले अपनी फिल्म से 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई करता था आज 25 से 40 प्रसेंट तक की कम फीस पर साइन हो सकते हैं. पे कट निर्भर करेगा प्रोजेक्ट पर. कोविड से पहले हर A list स्टार करीबन  70-80 करोड़ की फीस के अलावा मुनाफे में भी हिस्सा लेता था. जो सितारे कम फीस पर फिल्में नहीं करना चाहते वो अपनी फिल्मों को को-प्रोड्यूस या खुद प्रोड्यूस करना चाहते हैं.

साउथ इंडस्ट्री में ट्रेंड शुरू भी हो गया है. वहां के सुपरस्टार में विजय एंथोनी ने 25% तक का पे कट लिया है अपनी अगली फिल्म के लिए. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कार्तिक आर्यन पहले सितारे थे जिन्होंने खुल कर कहा था कि वो पे कट लेने को तैयार है निर्माता को स्पोर्ट करने के लिए. 

कोविड की मार में कोई छोटा या बड़ा नहीं. जब तक फिल्में थियेटर तक नहीं पहुंचती तब तक निर्माता को फिल्म पर ब्याज भी देना होगा जो रकम फिल्म पर लगाई है. मंदी की मार यह जगह. यह सब फिल्हाल तब तक जब तक वैक्सीन नहीं और यह पैंडेमिक ख़त्म नहीं हो जाता.

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