हिन्दी सिनेमा के हीमैन धर्मंद्र का नया वीडियो सामने आया है, जिसमें एक बार फिर दिग्गज एक्टर का अलग अंदाज नजर आ रहा है. यहां 89 वर्षीय एक्टर को यॉट का आनंद लेते हुए देखा जा रहा है.
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बॉलीवुड के हीमैन के नाम से मशहूर दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र (Dharmendra) बेशक अब कम ही फिल्मों में नजर आते हैं, लेकिन अपनी निजी जिंदगी की वजह से वह अक्सर सुर्खियों में आ जाते हैं. आज वह कभी सेहत बनाते दिखते हैं को कभी उन्हें जिंदगी का लुत्फ उठाते देखा जाता है. इस बार धर्मेंद्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें यॉट चलाते हुए दिख रहे हैं.
धर्मेंद्र ने उठाया यॉट का लुत्फ
फिल्मी जगत से थोड़ी-सी दूरी बनाने के बावजूद धर्मेंद्र सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस के साथ जुड़े रहते हैं. वहीं, अब नए वीडियो में दिग्गज एक्टरको यॉट की सवारी कर खूबसूरत नजारे का आनंद लेते देखा जा रहा है. धर्मेंद्र यहां बेज कलर की शर्ट पहने दिख रहे हैं. वह यॉट को चलाते हुए नजर आ रहे हैं और स्टीयरिंग संभालते हुए कैमरे की तरफ देखकर मुस्कुरा रहे है. यॉट चलाने की खुशी धर्मेंद्र के चेहरे पर साफ दिख रही हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'दोस्तों यॉट में एक प्यारे इंसान बिक्रम से मिला. यह एक रोमांचक और सुखद यात्रा है.'
'इक्कीस' में दिखेंगे धर्मेंद्र
89 वर्षीय स्टार जल्द ही फिल्म 'इक्कीस' में नजर आने वाले हैं. यह फिल्म भारतीय युद्ध के नायक अरुण खेत्रपाल पर आधारित है, जो 2 अक्टूबर, 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. इस फिल्म से लेखक श्रीराम राघवन सिल्वर स्क्रीन पर वापसी कर रहे हैं. श्रीराम राघवन 'एक हसीना थी', 'जॉनी गद्दार' और 'अंधाधुन' जैसी कल्ट-क्लासिक्स फिल्मों के लिए जाने जाते हैं. फिल्म 'इक्कीस' में धर्मेंद्र के साथ 'पाताल लोक' के स्टार जयदीप अहलावत और अगस्त्य नंदा भी अहम किरदार में दिखेंगे.
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'इक्कीस' पर शुरू हुआ विवाद
'इक्कीस' की पृष्ठभूमि बसंतसर का युद्ध पर आधारित है जो भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. मैडॉक फिल्म्स द्वारा निर्मित 'इक्कीस' 2 अक्टूबर 2025 को रिलीज होने वाली है. फिल्म के निर्माता ने मई में इस फिल्म का पहला लुक जारी किया था. बताया जा रहा है कि तभी से एक विवाद खड़ा हो गया. फिल्म में अरुण को परमवीर चक्र के सबसे कम उम्र के प्राप्तकर्ता के रूप में गलत तरीके से श्रेय दिया गया है. अरुण को 21 वर्ष की आयु में मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था, जबकि सबसे कम उम्र में ये सम्मान पाने वाले पहले भारतीय योगेंद्र सिंह यादव हैं. 1999 के कारगिल युद्ध में उन्होंने बहादुरी से दुश्मन सेना का मुकाबला किया था.