'सलमान के खिलाफ काले हिरन शिकार का पूरा मामला झूठा'
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'सलमान के खिलाफ काले हिरन शिकार का पूरा मामला झूठा'

अक्तूबर 1998 में जोधपुर के भावड़ गांव में दो काले हिरनों के शिकार के मामले में एक साल की सजा के खिलाफ बालीवुड अभिनेता सलमान खान की अपील पर ढाई महीने तक सुनवाई के बाद बचाव पक्ष ने राजस्थान उच्च न्यायालय के सामने बुधवार को अपनी दलीलें पूरी कीं। बचाव पक्ष ने कहा कि पूरा मामला अभिनेता के खिलाफ मनगढंत है। अभियोजन नौ फरवरी से अपनी दलीलें शुरू करेगा।

'सलमान के खिलाफ काले हिरन शिकार का पूरा मामला झूठा'

जोधपुर : अक्तूबर 1998 में जोधपुर के भावड़ गांव में दो काले हिरनों के शिकार के मामले में एक साल की सजा के खिलाफ बालीवुड अभिनेता सलमान खान की अपील पर ढाई महीने तक सुनवाई के बाद बचाव पक्ष ने राजस्थान उच्च न्यायालय के सामने बुधवार को अपनी दलीलें पूरी कीं। बचाव पक्ष ने कहा कि पूरा मामला अभिनेता के खिलाफ मनगढंत है। अभियोजन नौ फरवरी से अपनी दलीलें शुरू करेगा।

बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि इस मामले में सलमान के खिलाफ काले हिरन शिकार का पूरा मामला झूठा है।

गौर हो कि राजस्थान के जोधपुर जिले में साल 1998 में फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान काले हिरन के शिकार का मामला प्रकाश में आया था। मामले में सलमान खान, सोनाली बेंद्रे, तबु, नीलम और अन्य पर आरोप लगाए गए थे। निचली अदालत ने सलमान को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत 10 अप्रैल, 2006 को दोषी ठहराते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई थी और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। सत्र अदालत ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सलमान की अपील को खारिज करते हुए 24 अगस्त, 2007 को उन्हें दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले और उनकी सजा को बरकरार रखा था। सलमान और अन्य के खिलाफ कृष्णमृग (काले हिरण) का शिकार करने के मामले में दो अक्टूबर, 1998 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मृग का शिकार 28 सितंबर, 1998 की आधी रात को राजस्थान के मथानिया गांव में किया गया था। सलमान को 12 अक्टूबर 1998 को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 15 अक्टूबर को उन्हें जमानत दे दी गई थी, जिसके बाद 17 अक्टूबर को उन्हें रिहा कर दिया गया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)

 

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