आईएफटीडीए के अध्यक्ष अशोक पंडित ने आईएएनएस से कहा, 'फिल्म उद्योग की सफलता का प्रतीक है और अगर उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है तो चीजें सही नहीं हैं.'
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मुंबई : फिल्म 'पद्मावती' पर चल रहे विवादों के बीच भारतीय फिल्म और टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीएडीए) सोमवार को चार अन्य संगठनों की ओर से सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से फिल्म के निमार्ताओं को स्वतंत्रता देने की अपील करेंगे. आईएफटीडीए, सिने और टीवी कलाकार एसोसिएशन (सीनाटा), वेस्टर्न इंडिया सिनेमैटोग्राफर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआईसीए), स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए) और एसोसिएशन ऑफ सिने एंड टेलीविजन आर्ट डायरेक्टर्स एंड कॉस्ट्यूम डिजाइनर्स के सदस्य सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करेंगे.
आईएफटीडीए के अध्यक्ष अशोक पंडित ने बताया, 'फिल्म निमार्ताओं के अभिव्यक्ति की आजादी की अपील करने के लिए पांच समितियां एक साथ आ रही हैं. उद्योग हैरान है और हमें बुरा लग रहा है कि संजय लीला भंसाली जैसे फिल्म निमार्ता को परेशान किया जा रहा है. भंसाली हमारे फिल्म उद्योग की सफलता का प्रतीक है और अगर उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है तो चीजें सही नहीं हैं.'
उन्होंने कहा कि उनकी अपील है कि मंत्री विवादों को ध्यान में रखकर फिल्म निमार्ताओं की आजादी को कायम रखें. इसके साथ ही पंडित ने कहा, 'किसी ने भी फिल्म नहीं देखी फिर भी लोग अनुमान लगा रहे है और भंसाली पर हमला कर रहे हैं. इसी तरह का विवाद 'इंदु सरकार' के साथ हुआ था. हम क्या करें? हम हर किसी के अहंकार के अनुरूप फिल्म नहीं बना सकते. अगर कोई फिल्म देखना नहीं चाहता है, तो ना देखे. अगर कोई रिलीज नहीं होने देना चाहता तो अदालत में जाएं.'
फिल्म 'पद्मावती' विवादों से घिरी हुई हैं क्योंकि कुछ हिंदू समूहों के साथ-साथ कांग्रेस और भाजपा सहित राजनीतिक दलों का दावा है कि यह फिल्म इतिहास को बिगाड़ती है और राजपूतों की रानी पद्मावती का गलत चित्रण करती है. भंसाली ने इस विवाद का बार-बार विरोध किया है. फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होनी है.