कैफी आजमी का जन्म 14 जनवरी 1919 को यूपी के आजमगढ़ में हुआ था. उनका असली नाम अख्तर हुसैन रिजवी था. बचपन से ही उन्हें लिखने-पढ़ने का काफी शौक था. उन्होंने 11 साल की उम्र में पहली गजल लिखी थी. कैफी आजमी की बेटी शबाना आजमी भी बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा हैं.
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नई दिल्ली : 'कर चले हम फिदा जान ओ तन साथियों...', 'ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं...' लिखने वाले कैफी आजमी (Kaifi Azmi) को गूगल ने आज खास अंदाज में याद किया है. गूगल ने प्रसिद्ध कवि और गीतकार कैफी आजमी की 101वीं जयंती पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कविताओं के अलावा हिन्दी फिल्मों के गाने और स्क्रीनप्ले भी लिखे.
कैफी आजमी का जन्म 14 जनवरी 1919 को यूपी के आजमगढ़ में हुआ था. उनका असली नाम अख्तर हुसैन रिजवी था. बचपन से ही उन्हें लिखने-पढ़ने का काफी शौक था. उन्होंने 11 साल की उम्र में पहली गजल लिखी थी. कैफी आजमी की बेटी शबाना आजमी भी बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा हैं. उनका निधन 10 मई 2002 को मुंबई में हुआ था.
जानें उनके जीवन की कुछ खास बातें
1.सादगीभरा जीवन जीने वाले कैफी काफी हंसमुख स्वभाव के थे. शुरुआती दौर में उन्होंने मुंबई में उर्दू जर्नल 'मजदूर मोहल्ला' का संपादन किया. यहीं उनकी मुलाकात शौकत से हुई. कुछ समय बाद उन्होंने शौकत को जीवनसंगीनी बनाया.
2.कैफी के लेखन से संपन्न परिवार की शौकत काफी प्रभावित थीं. उनके दो बच्चे हुए, शबाना और बाबा. शबाना हिन्दी फिल्मों की मशहूर अदाकारा हैं.
3.ब्रेनहैमरेज से लड़ते हुए उन्हें जीवन का नया लक्ष्य मिला. उन्होंने अपने गांव में स्कूल, अस्पताल और सड़क बनवाने में मदद की.
4.उत्तरप्रदेश सरकार ने सुल्तानपुर से फूलपुर सड़क को कैफी मार्ग घोषित किया है.
5.कैफी के 5 सुपरहिट गाने
6.कैफी को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था. इसके अलावा 'आवारा सिज्दे' पर साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया है.