Govinda Life Story in Hindi: अगर 80 और 90 के दशक के स्टार और सुपरस्टार की बात करें तो उस लिस्ट में गोविंदा (Govinda) का नाम ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता. वो नंबर 1 थे, हैं और रहेंगे. ये नंबर 1 गोविंदा के साथ ऐसा जुड़ा कि देखते ही देखते वो नंबर 1 बन गए. इसे ऊपरवाले का करिश्मा कहिए या फिर गोविंदा के सिर पर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद कि जो उनके पिता ने खोया वो स्टारडम और पैसा गोविंदा ने वापस हासिल कर लिया जिसके वो हकदार थे. 


13 साल की उम्र में ही हीरो बनने की कर ली थी तैयारी


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गोविंदा के जन्म से ठीक पहले ही उनके पिता आर्थिक तंगी का बुरी तरह शिकार हुए. उनकी बनाई फिल्म नहीं चली. कर्जदारों ने घर से निकाल दिया और वो सड़क पर आ गए. लेकिन जिंदगी जैसे तैसे चलते रही. गोविंदा का बचपन तंगहाली में ही बीता और जब उन्होंने अपनी मां और परिवार को इस बेबस हाल में देखा तो उन्होंने ठान लिया था कि वो जैसे ही बड़ होंगे काम करना शुरू कर देंगे. लिहाजा 13-14 साल की उम्र में जैसे ही गोविंदा की दाढ़ी निकलने लगी वो खुद को बड़ा समझकर काम ढूंढने निकल पड़े थे. उस वक्त वो रोजाना राजश्री प्रोडक्शन के चक्कर लगाते और काम मांगते. लेकिन वो काफी छोटे थे. पर कहते हैं ना जिसे शिद्दत से चाहो वो एक ना एक दिन जरूर मिल ही जाता है. 


21 की उम्र में मिली 75 फिल्म 


जी हां...13 की उम्र में काम ढूंढते इस सितारे को 21 की उम्र में वो कामयाबी मिली कि उन्हें एक साथ 75 फिल्मों के ऑफर आ गए और गोविंदा ने सभी की सभी साइन कर ली. गोविंदा मुफलिसी का दौर देख चुके थे लिहाजा फिल्मों के जरिए आती हुई लक्ष्मी को वो ठुकरा नहीं सके. हालांकि इन फिल्मों को करने के चक्कर में उनकी तबीयत खराब होने लगी. इतनी फिल्में साइन करने का परिणाम ये रहा कि गोविंदा डबल शिफ्ट में काम करने लगे और इससे उन्हें थकान होने लगी वो ज्यादातक बीमार रहने लगे. तब दिलीप कुमार ने उन्हें समझाया था और उन्हें 25 फिल्मों को रिजेक्ट कर देने की बात कही थी. गोविंदा ने उनकी बात मानी और 25 फिल्मों को ना कर दिया.       


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