इरफान खान (Irrfan Khan) ने अपनी कला से हर किसी का दिल जीता. भले ही वो आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके अभिनय को हर कोई आज याद कर रहा है. एक्टर के निधन को 8 महीने पूरे हो गए हैं.
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नई दिल्ली: बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाले अभिनेता इरफान खान (Irrfan Khan) ने हर किसी को अपनी कला से प्रभावित किया. आज अगर वे जीवित होते तो अपना 54वां जन्मदिन सेलिब्रेट करते. भले ही वे अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उन्हें और उनके काम को हिन्दी सिनेमा कभी नहीं भूल पाएगा. 7 जनवरी 1967 को जयपुर में जन्मे इरफान एक मुस्लिम पठान परिवार से थे. उनका पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था. इरफान के पिता की छोटी सी दुकान थी. वे टायर का व्यापार करते थे.
ये बात सभी को हैरान करती है कि इरफान (Irrfan Khan) पठान परिवार से होने के बावजूद शाकाहारी थे. उनके पिता उन्हे हमेशा इस वजह से ताना भी मारते थे. वे अक्सर कहते कि पठान परिवार में ब्राह्मण पैदा हो गया. इरफान ने कई मंचों पर खुद अपने संघर्ष की कहानी सुनाई थी. जब उन्होंने एनएसडी में प्रवेश किया तभी उनके पिता का निधन हो गया. इसके बाद इरफान को घर से आर्थिक मदद मिलना बंद हो गई. जैसे-तैसे एनएसडी से मिलने वाली फेलोशिप के जरिए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. इरफान खान की एनएसडी में सुतपा सिकंदर से मुलाकात हुई. वे सुतपा से प्यार कर बैठे और फिर 23 फरवरी 1995 में दोनों ने शादी कर ली. तब तक इरफान बॉलीवुड में स्टैबलिश नहीं हो पाए थे, लेकिन इसके बाद भी इरफान के संघर्ष के दिनों में सुतपा हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं.
बॉलीवुड के साथ-साथ इरफान (Irrfan Khan) ने हॉलीवुड में भी काफी काम किया. उन्होंने 'स्पाइडर मैन', 'जुरासिक वर्ल्ड' और 'इन्फर्नो' जैसी फिल्मों में काम किया और उनकी काफी तारीफ भी हुई. एक इंटरव्यू में हॉलीवुड अभिनेता टॉम हैंक्स ने उनकी सराहना करते हुए कहा था कि इरफान की आंखें भी अभिनय करती हैं. साल 2005 में आई फिल्म 'रोग' से इरफान ने सभी के दिलों को जीत लिया.
फिल्म 'हासिल' में निगेटिव रोल में नजर आए इरफान खान (Irrfan Khan) को उस साल का 'बेस्ट विलेन' का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. इसके अलावा इरफान ने एक से बढ़ कर एक फिल्में कीं. बीते दिनों इरफान ने 'लंचबॉक्स', 'गुंडे', 'हैदर', 'पीकू' और 'हिंदी मीडियम' जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया. इरफान खान को फिल्म 'पान सिंह तोमर' के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. साल 2011 में भारत सरकार की तरफ से उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.
साल 2018 इरफान के लिए मुश्किलों भरा रहा. इरफान (Irrfan Khan) को न्यूरो एंडोक्राइन नाम की बीमारी हो गई. इसके बाद वो इलाज के लिए वो लंदन गए. लंबे समय तक उनका इलाज चला और करीब एक साल बाद वो भारत लौटे. इलाज के बाद वे ठीक थे. इरफान ने फिल्म 'हिंदी मीडियम 2' की शूटिंग शुरू की. इस दौरान उनकी तबीयत थोड़ी बिगड़ी, लेकिन उन्होंने फिल्म पूरी की. फिल्म के प्रमोशन का वो हिस्सा नहीं बन सके. फिल्म रिलीज होने के कुछ दिनों बाद ही 29 अप्रैल 2020 को एक्टर का निधन हो गया. उनकी दमदार एक्टिंग और शानदार डायलॉग डिलिवरी लोग हमेशा याद करेंगे. एक्टर की आखिरी फिल्म 'द सॉन्ग ऑफ स्कॉर्पियंस' इस साल रिलीज होगी.
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