Sushant Singh Rajput death case: मौत की असली वजह क्या है? आज उठेगा सच से पर्दा
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Sushant Singh Rajput death case: मौत की असली वजह क्या है? आज उठेगा सच से पर्दा

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की हत्या हुई है या फिर आत्महत्या? आज सच सामने आने वाला है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की हत्या हुई है या फिर आत्महत्या? आज (20 सितंबर) सच सामने आने वाला है. सुशांत सिंह राजपूत की विसरा रिपोर्ट आज सीबीआई को सौंपेगी एम्स की टीम. मौत की सटीक वजह सामने आ सकती है. जहर वाली अटकलों से भी पर्दा उठ सकता है. वहीं, एम्स की फॉरेंसिक टीम के हेड डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा, 'सुशांत सिंह राजपूत की मौत की वजह एम्स की उस रिपोर्ट से पता लग जाएगी, जिसे वो आज सीबीआई को सौंपेगी. सुशांत की मौत के मामले में एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है. आज ये बोर्ड सीबीआई को अपनी राय देगा.'

सूत्रों ने दिए कुछ ऐसे संकेत

वहीं, न्यूज एजेंसी आईएएनएस की मानें तो सुशांत मामले में ऐसे संकेत मिले हैं कि मुंबई पुलिस या मेडिकल बोर्ड की ओर से लापरवाही बरती गई है. दिवंगत बॉलीवुड स्टार का शव परीक्षण और उनकी महत्वपूर्ण विसरा को ठीक से संरक्षित नहीं किए जाने को लेकर भी संकेत मिले हैं. एम्स में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि एम्स में फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी साइंसेज विभाग द्वारा प्राप्त विसरा रिपोर्ट में बहुत कम जानकारी के साथ ही यह विकृत है.

एम्स में किया जा रहा था विसरा का परीक्षण
शुक्रवार की देर शाम तक सुशांत सिंह राजपूत की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए विसरा का परीक्षण नई दिल्ली में एम्स के फोरेंसिक विभाग में किया जा रहा था. सूत्रों ने कहा, "विसरा को विकृत कर दिया गया है. यह रासायनिक और विषाक्त (टॉक्सिकोलॉजिकल) विश्लेषण को वास्तव में मुश्किल बनाता है." कई मीडिया आउटलेट्स ने मुंबई पुलिस के इस रुख पर सवाल उठाया है कि अभिनेता ने आत्महत्या ही की है, इस संदर्भ में अब विसरा विश्लेषण से अभिनेता की मौत के रहस्य से पर्दा उठ सकता है.

अब हो जाएगी इस बात की पुष्टि
अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से की जा रही जांच में इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि सुशांत की मौत किसी प्रकार के ड्रग ओवरडोज से हुई है या उन्होंने साधारण तौर पर ही आत्महत्या की है. विसरा विश्लेषण से बॉलीवुड स्टार की मौत का सही तरीके से पता चल सकेगा. 15 जून को शव परीक्षण के बाद मुंबई के कूपर अस्पताल में पांच डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने सुशांत की मौत को फांसी का कारण ही बताया था. हालांकि उन्होंने अभी भी आगे की जांच के लिए विसरा को संरक्षित किया है. बोर्ड में कूपर पोस्टमॉर्टम सेंटर के तीन चिकित्सा अधिकारी संदीप इंगले, प्रवीण खंदारे और गणेश पाटिल शामिल थे. इसके साथ ही मुंबई में फोरेंसिक मेडिसिन के दो एसोसिएट प्रोफेसर थे.

जब सीबीआई ने शुरू की जांच
विसरा, जिसमें आमतौर पर जिगर, अग्न्याशय और आंत सहित शरीर के आंतरिक हिस्से होते हैं, उन्हें एक बोतल में संरक्षित किया गया और पुलिस को सौंप दिया गया. बाद में विसेरा नमूना को मृत्यु की स्थिति में विषाक्तता या नशा से मुक्त करने के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजा गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. मुंबई पुलिस ने कई गवाहों से पूछताछ की और फॉरेंसिक जांच की, लेकिन महत्वपूर्ण विसरा के नमूने का परीक्षण नहीं किया. इसके बाद, सीबीआई के अनुरोध पर, एम्स के प्रमुख फोरेंसिक विशेषज्ञों को प्रारंभिक जांच में मुख्य रूप से फोरेंसिक पहलुओं की जांच करने के लिए कहा गया. विशेषज्ञों को विसरा का नमूना भी दिया गया.

भारत के शीर्ष फोरेंसिक विशेषज्ञों में से एक सुधीर गुप्ता के नेतृत्व वाली एम्स टीम को मुंबई पुलिस या डॉक्टरों के पैनल द्वारा अपराध का पता लगाने या किसी भी फॉरेंसिक चिन्ह के चूक के सबूतों की कोई छेड़छाड़ करने का पता लगाने के लिए कहा गया है. एम्स के विशेषज्ञों को घटनाओं के अनुक्रम के मौके का आकलन करने और फोरेंसिक से संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के लिए दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना किया गया था.

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