Deva Nandha Slams Prakash Raj for Ignoring Children: इस साल के केरल राज्य फिल्म अवॉर्ड्स में एक बड़ा विवाद सामने आया, जिसको लेकर अब इंटरनेट पर बहस छिड़ गई है. प्रकाश राज की अध्यक्षता वाली जूरी ने बाल कैटेगरी में किसी को भी पुरस्कार नहीं दिया. इस फैसले पर बाल कलाकार देवा नंदा ने नाराजगी जाहिर की.
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Deva Nandha Slams Prakash Raj for Ignoring Children: इस साल के केरल राज्य फिल्म अवॉर्ड्स ने कई कलाकारों को सम्मानित किया, वहीं बाल कलाकारों के लिए यह साल मायूसी लेकर आया. प्रकाश राज की अध्यक्षता वाली जूरी ने इस बार बाल फिल्म और बाल कलाकार की कैटेगरी में किसी को भी पुरस्कार न देने का फैसला लिया और इसने एक नई बहस शुरू कर दी है.
एक्टर ने इंस्टाग्राम पर शेयर की वीडियो
बाल कलाकार देना नंदा, जिन्हें हाल ही में फिल्म 'गु' में उनके शानदार अभिनय के लिए तारीफें मिली थी, ने इस फैसले पर सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उनके अकाउंट से पोस्ट किए गए वीडियो में प्रकाश राज के प्रेस कॉन्फ्रेंस की क्लिप दिखाई गई और साथ ही फिल्म 'गु' के सीन भी थे.
प्रकाश के इस फैसले की आलोचना करते हुए देवा ने लिखा कि 'आप बच्चों के प्रति अपनी आखें मूंद सकते हैं, लेकिन यह मत कहिए कि यहां सब कुछ अंधकारमय है. बच्चे भी इसी समाज का हिस्सा हैं. साल 2024 के मलयालम फिल्म पुरस्कारों की घोषणा के साथ ही जूरी ने आने वाली पीढ़ी के प्रति अपनी आंखें मूंद लीं.' इसके बाद उन्होंने उदाहरण दिए कि कैसे बच्चों ने 2024 में 'समानार्थी श्रीकुट्टन', 'गु', 'फ़ीनिक्स' और 'एआरएम' जैसी फिल्मों में अभिनय किया है.
2 बच्चों को पुरस्कार देने से किया इनकार
उन्होंने आगे लिखा कि 'दो बच्चों को पुरस्कार देने से इनकार करके यह नहीं कहा जा सकता कि ज्यादा बाल फिल्में बननी चाहिए. अगर आपने दो बच्चों को पुरस्कार दिए होते, तो यह कई अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बन जाता.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं जूरी अध्यक्ष के प्रति अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त करता हूं, जिन्होंने कहा कि बच्चों को ज्यादा अवसर मिलने चाहिए और वे भी समाज का हिस्सा है, लेकिन बच्चों के अधिकारों की अनदेखी की. अधिकारों को नकारने से सुधार नहीं लाए जाने चाहिए. सुधारों के साथ-साथ अधिकारों की भी रक्षा होनी चाहिए.' फिल्म निर्माता विनेश विश्वनाथ और अभिनेता आनंद मनमाधन ने भी सोशल मीडिया पर इस फैसले पर अपनी निराशा व्यक्त की.
प्रकाश राज ने क्या कहा?
प्रकाश राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बेस्ट बाल फिल्म कैटेगरी के लिए 6 फिल्में भेजी गई थी, लेकिन निर्णायक मंडल ने फैसला सुनाया कि उनमें से कोई भी उस मानदंड पर खरी नहीं उतरी. उन्होंने कहा कि यही बात अभिनेताओं पर भी लागू होती है. उन्होंने कहा 'हमें बच्चों की एक भी फिल्म या फिल्म बनाने का प्रयास नहीं मिला. निर्देशन और लेखकों को यह समझना चाहिए कि सिर्फ बड़े और छोटे बच्चे ही नहीं, बल्कि बच्चे भी समाज का हिस्सा हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि 'बच्चे क्या सोचते हैं, क्या समझते हैं और उनकी दुनिया को सिनेमा में ढालना जरूरी है. सिर्फ बच्चों को कास्ट करने से यह अपने आप बच्चों का सिनेमा नहीं बन जाएगा. हमें यह जानना होगा कि बच्चे क्या सोचते हैं. वे इस विकास का एक अहम हिस्सा हैं. कोई भी फिल्म बच्चों का धारणा के बारे में बात नहीं करती या कुछ बाल कलाकार अपनी उम्र के बारे में बात नहीं कर रहे थे.' हालांकि, अभिनेता को सोशल मीडिया पर अपने इस बयान के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.