B'day: जब मिथुन चक्रवर्ती के डर से 4 दिनों तक कमरे से बाहर ही नहीं निकले थे Shakti Kapoor
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B'day: जब मिथुन चक्रवर्ती के डर से 4 दिनों तक कमरे से बाहर ही नहीं निकले थे Shakti Kapoor

शक्ति कपूर (Shakti Kapoor) की शुरुआती जिंदगी उनके फिल्मी किरदारों की ही तरह रंगीन रही है.

B'day: जब मिथुन चक्रवर्ती के डर से 4 दिनों तक कमरे से बाहर ही नहीं निकले थे Shakti Kapoor

नई दिल्ली: बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडियन और विलेन 'बलमा', 'नंदू' और 'क्राइम मास्टर गोगो' शक्ति कपूर (Shakti Kapoor) आज 68 साल के हो गए हैं. उनका जन्म 3 सितंबर 1952 को दिल्ली में हुआ था. उनकी शुरुआती जिंदगी उनके फिल्मी किरदारों की ही तरह रंगीन रही है.

  1. मिथुन और शक्ति की दोस्ती
  2. काम पाने के लिए काम आया नाटक
  3. स्टाइल मारने में यकीन रखते थे शक्ति

पिता से कभी नहीं पटी 
दिल्ली के पले-बढ़े शक्ति उर्फ सुनील सिकंदरलाल कपूर की अपने पिता से कभी नहीं पटी, जो कनाट प्लेट में एक टेलरिंग की दुकान चलाते थे. दिखने में ठीक-ठाक शक्ति पढ़ाई में फिसड्डी थे. एक्टर बनने की हसरत थी. पुणे के फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट में एडमिशन मिल गया. उस समय नौजवां शक्ति हर वक्त टशन में रहते थे. मॉडलिंग की कमाई का पूरा पैसा सिगरेट और शराब में उड़ा देते. उनके इस स्टाइल की हवा निकाली मिथुन चक्रवर्ती ने.

हॉस्टल के वो दिन
शक्ति कपूर को हॉस्टल पहुंचते ही पहले ही दिन गलियारे में एक सांवला लंबा नौजवान लड़का दिख गया. शक्ति उसके पास पहुंच गए और स्टाइल से बियर पीने की पेशकश की. वो नौजवान कोई और नहीं मिथुन दा थे. उस दिन रात को उन्होंने शक्ति कपूर को अकेले कमरे में बुलाया. कमरे की लाइट बंद कर उनकी अच्छे से क्लास ली. सुबह ही स्टाइलिश से कटवाए बाल चॉप कर दिया. धमकी दी कि अगर कैंपस में फिर कभी शराब पीते नजर आए, तो उनकी खैर नहीं. इस घटना से शक्ति बुरी तरह डर गए और चार दिनों तक अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकले. 

मिथुन और शक्ति की दोस्ती  
हालांकि, बाद में मिथुन दा उनके अच्छे दोस्त बन गए. मिथुन इंस्टीट्यूट में उनसे सीनियर थे. वे वहां से पास कर फिल्मों में हाथ आजमाने मुंबई चले गए. उनके पीछे-पीछे शक्ति भी पहुंच गए और उनके साथ ही रहने लगे. मिथुन उनके आने से इतना घबराने लगे कि अपने दोस्तों से कह दिया कि मैं कहां रहता हूं, शक्ति को मत बताना, वरना आ टपकेगा और जाएगा नहीं.

काम पाने के लिए काम आया नाटक
मुंबई आते ही शक्ति का परिचय दो लोगों से हुआ. सुनील दत्त से और फिरोज खान से. सुनील दत्त को शक्ति बहुत पसंद आए. उनके सामने शक्ति शालीन बने रहते. दरअसल, उनका नाम शक्ति भी सुनील दत्त ने ही रखा था. अपने बेटे संजय दत्त की पहली फिल्म 'रॉकी' में शक्ति को आरके का एक शानदार किरदार भी निभाने को दिया.

स्टाइल मारने में यकीन रखते थे शक्ति
दरअसल, शक्ति खूब स्टाइल मारने में यकीन रखते थे. मुंबई आते ही मॉडलिंग से मिले पैसों से उन्होंने सेकेंड हैंड गाड़ी खरीद ली. एक दिन सड़क पर उनकी गाड़ी को एक मर्सिडीज गाड़ी ने ठोंक दी. शक्ति कपूर गाली देते हुए ड्राइवर को मारने दौड़े, पर जब गाड़ी के अंदर उन्होंने फिरोज खान को देखा, तो सड़क पर जमा पांच सौ लोगों के सामने उनके पैर पकड़कर गिड़गिड़ाने लगा कि उसे गाड़ी ठीक करवाने के पैसे नहीं चाहिए, वो अपनी फिल्म में उन्हें एक रोल दे दें. उनका नाटक असरदार रहा. कुछ महीने बाद उन्हें पता चला कि फिरोज खान सड़क पर नाटक करने वाले उस लड़के को अपनी फिल्म 'कुर्बानी' में कास्ट करने के लिए ढूंढ रहे हैं. शक्ति फौरन उनके सामने हाजिर हो गए.

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