'क्या कूल हैं हम 3' (रिव्यू) : कॉमेडी कम लेकिन फूहड़ता का भरपूर तड़का
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'क्या कूल हैं हम 3' (रिव्यू) : कॉमेडी कम लेकिन फूहड़ता का भरपूर तड़का

निर्देशक उमेश घड़गे की फिल्म 'क्या कूल हैं हम 3' शुक्रवार को रुपहले पर्दे पर प्रदर्शित हुई। घड़गे ने इस फिल्म को 'सेक्स कॉमेडी' के रूप में पेश किया है। फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में तुषार कपूर, आफताब शिवदासानी और मंदना करीमी हैं। इनके अलावा क्लाउडिया सिजेला, कृष्णा अभिषेक, शक्ति कपूर, दर्शन जारीवाल ने भी फिल्म में भूमिका निभाई है. यह फिल्म 2012 में आई फिल्म 'क्या सूपर कूल हैं हम' और 'क्या कूल हैं हम' की तीसरी सीक्वल है।

'क्या कूल हैं हम 3' (रिव्यू) : कॉमेडी कम लेकिन फूहड़ता का भरपूर तड़का

नई दिल्ली : निर्देशक उमेश घड़गे की फिल्म 'क्या कूल हैं हम 3' शुक्रवार को रुपहले पर्दे पर प्रदर्शित हुई। घड़गे ने इस फिल्म को 'सेक्स कॉमेडी' के रूप में पेश किया है। फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में तुषार कपूर, आफताब शिवदासानी और मंदना करीमी हैं। इनके अलावा क्लाउडिया सिजेला, कृष्णा अभिषेक, शक्ति कपूर, दर्शन जारीवाल ने भी फिल्म में भूमिका निभाई है. यह फिल्म 2012 में आई फिल्म 'क्या सूपर कूल हैं हम' और 'क्या कूल हैं हम' की तीसरी सीक्वल है।

फिल्म का निर्माण एकता कपूर और शोभा कपूर ने किया है।

यह फिल्म अपने सीक्वल को ही आगे बढ़ाते नजर आती है। पूरी फिल्म द्विअर्थी संवादों और फूहड़ता से भरी पड़ी है। फिल्म में कहीं कोई लॉजिक की जगह नहीं है। एकता कपूर ने यह फिल्म अपने भाई तुषार के लिए बनाई है। तुषार की एक्टिंग हम उनकी पिछली फिल्मों में देख चुके हैं। जाहिर है उनकी एक्टिंग 'स्किल्स' पर सवाल उठाना गलत होगा! मंदाना करीमी, जिजेल ठकराल, क्लॉडिया सिएसला ने अंग प्रदर्शन के अलावा कुछ भी नहीं किया है। रही बात आफताब और अभिषेक की तो उन्होंने भी ठीक-ठाक काम किया है।

फिल्म की कहानी कुछ इस तरह है तुषार कपूर और आफताब शिवदासानी दोस्त हैं। थाईलैंड में 'पॉर्न स्टार्स' के रुप में काम करना छोड़कर आए हैं। उनके दोस्त हैं कृष्णा अभिषेक। वो सेक्स फिल्मों का प्रोड्यूसर और डायरेक्टर हैं। साथ में हैं क्लाउडिया सिजेला।

कुछ देर में एंट्री होती है मंदना करीमी की जो संस्कारी फैमिली से है। उनका दूसरा नाम करजात्या रखा है। क्यों रखा ये पता नहीं। तुषार को करजात्या से प्यार है। मगर वो चाहती हैं कि तुषार उसके पिता को प्रभावित करें। इसके बाद सारे पॉर्न स्टार जो हैं वो एक परिवार के रुप में साथ आते हैं। इसके बाद शुरू होता है ड्रामा।

कुल मिलाकर कहें तो फिल्म में देखने लायक कुछ भी नहीं है। फिल्म का संगीत औसत है। गानों को जबर्दस्ती ठूसा गया है। गानों में फूहड़ता और द्विअर्थी शब्द हैं। यह फिल्म बिना सिर-पैर वाली है और केवल मनोरंजन के लिए वयस्क लोग इसे देख सकते हैं। परिवार के साथ यह फिल्म नहीं देखी जा सकती।

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