लव सोनिया डार्क फिल्म नहीं बल्कि उम्मीद की कहानी है : मृणाल ठाकुर
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लव सोनिया डार्क फिल्म नहीं बल्कि उम्मीद की कहानी है : मृणाल ठाकुर

इस हफ्ते रिलीज होने वाली फिल्म लव सोनिया ह्यूमन ट्रेफिककिंग और प्रॉस्टिट्यूशन पे बानी एक डार्क फिल्म है. लेकिन फिल्म के एक्टर्स का मानना है कि अगर उम्मीद की किरण है तो यह फ़िल्म डार्क नही है.

 लव सोनिया फिल्म के कलाकारों का मानना है कि ये एक उम्मीदों की कहानी है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : इस हफ्ते रिलीज होने वाली फिल्म लव सोनिया ह्यूमन ट्रेफिककिंग और प्रॉस्टिट्यूशन पे बानी एक डार्क फिल्म है. लेकिन फिल्म के एक्टर्स का मानना है कि अगर उम्मीद की किरण है तो यह फ़िल्म डार्क नही है. लव सोनिया से फ़िल्म में डेब्यू कर रही मृणाल ठाकुर ने कहा, "लव सोनिया डार्क फ़िल्म नही है और सोनिया मुझे लगता है एक वंडर वुमेन है. लव सोनिया एक ऐसी कहानी है जो लोगो तक जरूर पहुचनी चाहिए. दो बहनों के बंधन, उनके प्यार की कहानी है और किस तरीके से इस कलयुग में जब लड़कियों को flesh ट्रेड में लेकर जाती है, किस तरीके से यह लडकिया उसे डील करती है, उसकी कहानी है."

  1. लव सोनिया फिल्म के कलाकारों का मानना है कि ये एक उम्मीदों की कहानी है
  2. फिल्म से डेब्यू कर रही मृणाल ठाकुर ने कहा कि सोनिया एक वंडर वुमन है
  3. ये फिल्म दो बहनों का एक दूसरे से प्यार, त्याग और समर्पण की कहानी है

इस फिल्म की कहानी आशावादी है
ऋचा चढ़ा का भी मानना है कि यह फ़िल्म आशावादी है.आपको एक उम्मीद के साथ छोर जाएगी. इस फ़िल्म में एक रियलिटी है, जिससे लोग जुड़ पाएंगे। ऋचा कहती है, "ऐसा लगेगा आप उनके कमरे में घुस गए, इतनी रियल है यह फ़िल्म." वोह कहती है," लव सोनिया मेरे लिए एक ऐसी फिल्म है, ऐसी स्क्रिप्ट है, जो एक एक्टर की ज़िंदगी में कभी कभी आती है. और एक ऐसा मौका है जब हम फ़िल्म के ज़रिए कुछ फ़िल्म से बड़ा कर जाए। वह मेरे लिए लव सोनिया का मतलब है."ऋचा का मानना है की यह एक ऐसी फिल्म है जिसके जरिये सोसाइटी में बदलाव लाया जा सकता है. वो कहती है,"हम सभी अपने तरीके से हेल्प करते है. इस तरीके की फ़िल्म कोई करोड़ो रुपये कमाने के लिए नही करता. इसका एक मकसद होता है." फ़िल्म में फ्रीडा पिंटो भी एक अहम किरदार में नज़र आएगी, उनके लिए भी फ़िल्म लव सोनिया बेहद खास है क्योंकि इस फ़िल्म से उन्हें ढेर सारा प्यार और नए दोस्त मिले.

 

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फिल्म में सोनिया काफी त्याग करती है
फ्रीडा कहती है," मेरे लिए असली जीत वही है, जब यह फ़िल्म रिलीस होगी और यह कहानी लोगो तक पहुचेगी. मैं किसी क्रिटिक के रिव्यु का इंतेज़ार नही कर रही या मुझे फर्क नही पड़ता कितने स्टार्स मिलेंगे फ़िल्म को. मुझे सिर्फ इस बात से फर्क पड़ता है कि यह फ़िल्म लोगो तक पहुचे. और यही रियल विक्ट्री है मेरे लिए. सबसे अच्छी बात है इस फ़िल्म की कोई give up नही करता. जब आप फ़िल्म देखेगे तोह आपको समझ में आएगा कि कितना सैक्रिफाइस करती है सोनिया."

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