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नई दिल्ली: आश्रम के बाद प्रकाश झा (Prakash Jha) अब मथुरा के एक गांव की गलियों में जीवन की एक अनोखी दास्तान को बयां कर रहे हैं. एक ऐसा जीवन जहां सांसे तो चल रही हैं, लेकिन हर पल वह अपनी उलझी जिंदगी से अपने जीने की कीमत मांगती हैं. अब इस फिल्म को आप अमेजॉन प्राइम वीडियो पर देख पाएंगे.
प्रकाश झा ने बताई ये खास बात
'मट्टू की साइकिल' (Matto ki Saikal) के बारे में प्रकाश झा कहते हैं, 'मैं एक आदमी और उसकी साइकिल की इस सरल कहानी में परतें देख सकता था, जहां एक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया गया है, लेकिन उस एक्सप्रेसवे के नीचे जीवन एक घोंघे की गति से चलता है, जहां खुश रहने के लिए लोग छोटी-छोटी चीजें तलाशते हैं. यहां उनके जीवन में कोई क्रांति, कोई आंदोलन नहीं है. मुझे लगा कि यह फिल्म बननी ही चाहिए थी.'
सत्य घटना से प्रेरित है कहानी
मट्टू की कहानी एक सत्य घटना से प्रेरित है. 92 मिनट की इस फिल्म में जीवन का फलसफा है. हालात के आगे घुटने न टेकने वाले मट्टू के हौसले बुलंद हैं, जो साइकिल की सिसकन के सामने भी चट्टान की तरह खड़े हैं. यह एक साइकिल और एक आम आदमी की खास कहानी है जो आपको जिंदगी और उसे गुजर-बसर करने की जद्दोजहद की याद दिलाएगी.
फिल्म 'मट्टू की साइकिल' (Matto ki Saikal) में पहली बार प्रकाश झा एक दमदार किरदार में दिखाई दे रहे हैं. ये फिल्म हाल ही में बुसान अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई और पसंद भी की गई. अब फिल्म को 25 दिसंबर को अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया जाएगा.
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