नई दिल्ली: आज बॉक्स ऑफिस पर निर्देशक अनुभव सिन्हा की फिल्म 'मुल्क' रिलीज हो गई है. तापसी पन्नू और ऋषि कपूर जैसे सितारों से सजी इस फिल्म में भारतीय मुस्लिमों के प्रति उठने वाले हर सवाल को बेहद सलीके से उठाया गया है. फिल्म में चाहे एक मुस्लिम परिवार में बहू बनकर पहुंची हिंदू लड़की तापसी पन्नू का किरदार हो या फिर मुस्लिम परिवार के मुखिया के तौर पर मुराद अली मोहम्मद बने ऋषि कपूर हों, फिल्म का हर किरदार अपने खांचे में बिलकुल जबरदस्त बैठा है. फिल्म में कहानी से लेकर किरदार तक सबकुछ काफी दमदार है. इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर एक साथ तीन बड़ी फिल्में रिलीज हुई हैं. ऐसे में अगर आप अपना वीकेंड का प्लान बना रहे हैं, तो 'मुल्क' के बारे में यह रिव्यू जरूर पढ़ें.
डायरेक्टर: अनुभव सिन्हा
कास्ट: ऋषि कपूर, तापसी पन्नू, प्रतीक बब्बर, नीना गुप्ता, रजत कपूर, मनोज पावाह, आशुतोष राणा
रेटिंग: 4 स्टार
कहानी
'मुल्क' की कहानी एक मुस्लिम परिवार की कहानी है, जो बनारस में रहता है. मुराद अली मोहम्मद (ऋषि कपूर) बनारस के एक मोहल्ले में रहते हैं और हर रोज चौबे और सोनकर जैसे अपने दोस्तों के साथ चाय पीते हैं. इस हंसते खेलते परिवार को अचानक तब धक्का लगता है जब उनके घर के एक बेटे का नाम आतंकी गतिविधि में सामने आता है. यह लड़का पुलिस एनकाउंटर में मारा जाता है, लेकिन अब पुलिस आतंकी योजना बनाने के चलते इस परिवार को कटघरे में खड़ा करती है. यहां से शुरू होता है कोर्टरूम ड्रामा, जिसमें इस परिवार की बहू आरती (तापसी पन्नू) अपने परिवार के बेगुनाह होने का इंसाफ मांगती है.
दमदार है कहानी
किसी भी फिल्म का असली हीरो होता है उसकी कहानी, और निर्देशक अनुभव सिन्हा की 'मुल्क' में वह सबसे दमदार है. सबसे पहले तो मैं अनुभव सिन्हा की इस बात के लिए तारीफ करना चाहूंगी कि उन्होंने ऐसे दौर में, जब देश में कई तरह की सांप्रदायिक तनावों की घटनाएं सामने आ रही हैं, उन्होंने ऐसे विषय को एक फिल्म के तौर पर चुना. कहानी की बात करें तो शुरुआत से लेकर आखिर तक एक जबरदस्त स्पीड में चलती है. यानी कहीं भी यह फिल्म आपको बोझिल होती या डार्क होती नहीं लगती. हर खुशी को, हर दर्द को बिलकुल नपे-तुले अंदाज में दिखाया गया है और वह फिल्म में कुछ ऐसे मौजूद हैं कि आप फिल्म के हर इमोशन को महसूस कर पाएंगे. इस कसे हुए निर्देशन के लिए अनुभव सिन्हा की तारीफ तो बनती है.
एक्टिंग में हर किरदार, दमदार
एक्टिंग की बात करें तो फिल्म में ऋषि कपूर और तापसी पन्नू तो अहम किरदार में हैं हीं, लेकिन इस सब से इतर बिलाल के किरदार में गुदगुदाने से लेकर इमोशनल करने तक एक्टर मनोज पावाह ने कमाल का काम किया है. वहीं कोर्टरूम में डिफेंस के वकील के तौर पर आशुतोष राणा काफी दमदार रहे हैं. इस फिल्म की सबसे अच्छी बात है कि हर किरदार ने अपने स्क्रीन स्पेस को पूरी तरह से जस्टिफाई किया है.
'मुल्क' को देखते हुए यूं तो आपको काफी मजा आएगा लेकिन आखिर के 15 मिनट में शायद ही आप खुद को तालियां बजाने से रोक पाएं. फिल्म के कई सीन आपको ऐसा करने पर मजबूर कर सकते हैं. इस सब की बड़ी वजह है फिल्म के दमदार डायलॉग. खासतौर पर कोर्टरूम की सारी बहस के आखिर में जिस तरह से जज के किरदार में एक्टर कुमुद मिश्रा ने अपना फैसला सुनाया है, उसे सुनकर आपको जरूर अच्छा लगेगा. आखिर में कहूं तो 'मुल्क' एक शानदार फिल्म है, जिसमें एक रेलेवंट विषय को काफी सटीकता से रखा गया है. यह फिल्म किसी को क्लीनचिट नहीं देती, लेकिन 'मुल्क' एक वाजिब सवाल पर बात करती है और सिनेमाघरों से निकलते वक्त यह फिल्म आपके जहन में जरूर साथ जाएगी.