हिंदी सिनेमा को हर दिल की छू लेने वाले सदियों से सुपरहिट सेंटीमेंटल गीतों की सरगम देने वाले सिंगर मुकेश ने साल 1976 में आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कहा था. इस मौके पर उनके कुछ नगमों के साथ जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें...
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नई दिल्ली: 'एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल...' इस गीत को अपनी आवाज देकर अमर करने वाले मुकेश की कहानी भी इस गीत की तरह ही है. मुकेश की आवाज और उनके गीत उनके जाने के 44 साल बाद भी लोगों को जीने की राह दिखा रहे हैं. हिंदी सिनेमा को हर दिल की छू लेने वाले सदियों से सुपरहिट सेंटीमेंटल गीतों की सरगम देने वाले सिंगर मुकेश ने आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कहा था. एक कार्यक्रम के लिए विदेश गए मुकेश का 27 अगस्त 1976 को निधन हुआ था, इस मौके उन्हें याद करते हुए उनके कुछ नगमों के साथ जानते हैं कुछ खास बातें.
इनकी करते थे नकल
अपने करियर के शुरुआती दौर में सिंगर मुकेश को खुद के टैलेंट के बारे में जैसे कुछ पता ही नहीं था. वह उस दौर के मशहूर सिंगर और एक्टर केएल सहगल की आवाज में गाते थे. मुकेश उस समय केएल सहगल को इस तरह कॉपी करते थे कि एक बार खुद केएल सहगल धोखा खा गए थे कि यह गीत उन्होंने कब रिकॉर्ड किया. हालांकि बाद में जब मुकेश को संगीतकार नौशाद का साथ मिला तो उन्होंने अपनी आवाज में गाना शुरू किया.
ऐसे मिला था बॉलीवुड डेब्यू
मुकेश की बहन की शादी थी जिसमें उनके दूर के रिश्तेदार और मशहूर अभिनेता व फिल्ममेकर मोतीलाल भी आए. इस शादी के कार्यक्रम में मुकेश गाना गा रहे थे मोतीलाल को मुकेश की आवाज ने काफी अर्टेक्टिव लगी. इसके बाद मोतीलाल उन्हें मुंबई लेकर चले आए. इसके बाद मुकेश के करियर की इबारत लिखी गई.
1941 में उन्हें फिल्म निर्दोश में पहली बार गाने का मौका मिला. लेकिन मुकेश को उनकी असली पहचान 50 के दशक में मिली जब उन्होंने लगातार राजकपूर के लिए कई हिट्स दिए.
पर्सनल लाइफ
मुकेश की निजी जिंदगी की बात करें तो उनका जन्म 22 जुलाई, 1923 को लुधियाना के जोरावर चंद माथुर और चांद रानी के घर हुआ था. बचपन से ही गाने के शौकीन मुकेश का दिल पढ़ाई में नहीं लगा. उन्होंने 10वीं के बाद पढ़ाई नहीं की और पब्लिक सेक्टर में जॉब करने लगे. 27 अगस्त, 1976 को यूएस में उनका निधन हो गया.