पंकज त्रिपाठी ने कह दी इमोशनल बात, बोले- 'नहीं भूला हूं एक कमरे वाला घर'
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पंकज त्रिपाठी ने कह दी इमोशनल बात, बोले- 'नहीं भूला हूं एक कमरे वाला घर'

पंकज ने कहा, 'आज मेरी पत्नी मृदुला और मैं हमारे सपनों का घर में हैं, लेकिन मैं पटना में अपनी टिन की छत वाले एक कमरे को नहीं भूल पाया हूं. 

पंकज त्रिपाठी ने कह दी इमोशनल बात, बोले- 'नहीं भूला हूं एक कमरे वाला घर'

नई दिल्ली : बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित एक गांव से निकलकर बॉलीवुड में छाने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने मड आइलैंड में एक घर खरीदा है, लेकिन वे अभी तक यह नहीं भूले कि वह कहां से आए हैं. अपनी नई वेब सीरीज 'क्रिमिनल जस्टिस' के लिए वाहवाही लूट रहे पंकज का मानना है कि अपार सफलता पाने के बाद भी वह अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं और यही उनके बेहतरीन काम का राज है. 

पंकज ने कहा, 'आज मेरी पत्नी मृदुला और मैं हमारे सपनों का घर में हैं, लेकिन मैं पटना में अपनी टिन की छत वाले एक कमरे को नहीं भूल पाया हूं. एक रात बारिश और हवा इतनी तेज थी कि टिन की एक चादर उड़ गई और मैं नंगे आसमान की ओर देख रहा था. अभिनेता और उनकी पत्नी इसी सप्ताह अपने नए घरे में रहने आए हैं.  

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भावुक हो गईं पंकज की पत्नी 
पंकज ने कहा कि यह हमारा सपनों का घर था, समुद्र के किनारे एक घर. आखिरकार, मैंने अब मड आइलैंड में हमारा सपनों का घर खरीद लिया है. अपने नए घर में आने के बाद मेरी पत्नी बहुत भावुक हो गई. 'क्रिमिनल जिस्टिस' में पंकज के काम की बहुत तारीफ हो रही है और उनका मानना है कि यह उनके करियर का अबतक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. उन्होंने 'न्यूटन' और 'स्त्री' जैसी फिल्मों में भी काम किया है. 

'क्रिमिनल जस्टिस' को मिल रही है तारीफ 
पंकज ने कहा कि 'क्रिमिनल जस्टिस' की बहुत तारीफ हो रही है. अभिनय के बारे में जानने वाले लोग मेरी प्रशंसा कर रहे हैं. मनोज वाजपेयी ने कहा, ये तू क्या कर रहा है? कैस कर रहा है? मनोज भाई मेरे आदर्श और प्रेरणा हैं क्योंकि वे भी ग्रामीण बिहार से आए थे और मुझे लगा कि अगर वह अभिनेता बन सकते हैं तो मैं क्यों नहीं? यह एक अच्छा अहसास है. उन्होंने कहा, 'कुछ साल पहले तक, मैं हर वो रोल करता था जो मुझे ऑफर किया जाता था.  अब मैं उस स्थिति में पहुंच गया हूं कि अपने रोल खुद चुन सकता हूं.' शुरुआती वर्षों में पंकज को फिल्मों में कोई रुचि नहीं थी. 

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नहीं थी फिल्मों में कोई रूचि 
पंकज ने कहा कि मेरा शुरुआत से ही सांस्कृतिक चीजों की ओर रुझान रहा है. मैं 21 साल की उम्र में साइकिल पर बैठकर बिस्मिल्लाह खान के कॉनसर्ट में जाता था. हालांकि, मुझे संगीत की कुछ खास समझ नहीं थी, लेकिन मैं बड़े ध्यान से उन्हें सुनता था. मेरी सिनेमा में कोई रुची नहीं थी, मुझे थिएटर पसंद था. मैंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स किया और थिएटर में करियर बनाने के लिए बिहार आ गया. पंकज ने कहा, 'मुझे जल्द ही एहसास हुआ कि थिएटर में कोई भविष्य और पैसा नहीं है. मैंने मुंबई आने का निर्णय लिया जहां फिल्मों में अभिनय करना ही एक अच्छा विकल्प था.'

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