मोहब्बतें को कल यानी मंगलवार को 20 साल पूरे हो गए हैं. इस फिल्मा के काफी डायवॉग्स काफी हिट हुए. एक बार फिर हम याद करेंगे उन डायलॉग्स को...
मोहब्बतें में शरारतें नहीं होतीं तो अफसोस भी नहीं होना चाहिए.
आप जिंदगी की हर जंग जीतते चले आए, पर जिंदगी के सारे सहारे हारते चले गए.
मोहब्बतें भी जिंदगी की तरह होती हैं...हर मोड़ आसान नहीं होता, हर मोड़ पर खुशी नहीं होती...पर जब हम जिंदगी का साथ नहीं छोड़ते तो मोहब्बत का साथ क्यों छोड़ें.
कोई प्यार करे तो तुमसे करे, तुम जैसे हो वैसे करे....कोई तुमको बदल के प्यार करे तो वो प्यार नहीं, वो सौदा करे...और साहेब, प्यार में सौदा नहीं होता. राइट ?
तो क्या हुआ अगर वो तुमसे प्यार नहीं करती ? तुमने उससे प्यार करने से पहले ये शर्त को नहीं रखी थी कि वो भी तुमसे प्यार करे.
माफ करना सर, पर जहां से मैं देख रहा हूं आप हार गए...क्यों जहां से मैं देख रहा हूं, मुझे एक 55 साल का बाप अपनी एक 19 साल की बेटी फूल चढ़ी तस्वीर के नीचे खड़ा दिख रहा है.
मैं आज भी उसे उतनी मोहब्बत करता हूं...और इसलिए नहीं कि कोई और नहीं मिली....पर इसलिए की उससे मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिलती.
दुनिया में कितनी हैं नफरतें....फिर भी दिलों में हैं चाहतें...मर भी जाएं प्यार वाले...मिट भी जाएं प्यार वाले ....जिंदा रहती हैं उनकी मोहब्बतें.
परंपरा, प्रतिष्ठा, और अनुशासन ये इस गुरुकुल के तीन स्तंभ हैं.
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