अभय देओल (Abhay Deol) ने एक दर्शक के नोट (Note) का जवाब देते हुए माना है कि उनकी 2013 की फिल्म 'रांझणा' यौन उत्पीड़न को बढ़ावा देती है.
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मुंबई: अभय देयोल (Abhay Deol) अलग ही मिजाज के बन्दे हैं, कब किसके बारे में क्या लिख दें, आप अनुमान नहीं लगा सकते. हाल ही में वो अपनी उस पोस्ट (Post) की वजह से चर्चा में आ गए थे, जिसमें उन्होंने लिखा था कि ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ में बराबर का रोल करने के बावजूद उनको और फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) को हर अवॉर्ड फंक्शन (Award function) में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (Supporting actor) के लिए नोमिनेशन मिला, जबकि हृतिक रोशन (Hrithik Roshan) को बेस्ट एक्टर के लिए. अब वो अपनी एक औऱ फिल्म पर विवादित कमेंट करने के चलते चर्चा में हैं. उन्होंने सोनम (Sonam Kapoor) और धनुष (Dhanush) के साथ वाली अपनी फिल्म ‘रांझणा’ के बारे में लिखा है कि ये फिल्म यौन उत्पीड़न (sexual harassment) को बढ़ावा देती है, युवाओं को गलत संदेश देती है.
अभय देयोल ने इंस्टाग्राम (Instagram) पर हाल ही में मूवी को देखने के बाद एक दर्शक के रिव्यू (Review) पर ये प्रतिक्रिया दी है, लेकिन अभय देयोल और उस दर्शक की पोस्ट पढ़ने से पहले आपको समझना पड़ेगा कि फिल्म की कहानी क्या है और जिस सीन के बारे में बात हो रही है, उसमें धनुष और अभय कौन कौन सा किरदार निभा रहे हैं. ये कहानी है बनारस में रहने वाली एक ऐसी मुस्लिम लड़की जोया (सोनम कपूर) की, जिसको एकतरफा प्यार करता है एक हिंदू ब्राह्मण लड़का कुंदन (धनुष), लगातार उसके पीछे पड़े रहने से जोया दोस्ती तो कर लेती है, लेकिन उसके हिंदू होने से उसे यकीन नहीं होता कि परिवार उसे अपनाएगा. वो कुंदन को यही तर्क देती है. इधर परिवार पहले उसे अलीगढ़ पढ़ने भेज देता है और फिर जेएनयू.
वो जेएनयू से वाराणसी वापस आती है और कुंदन को शॉक्ड कर देती है अपनी शादी की खबर बताकर, जो वो वहां के छात्र नेता अकरम (अभय देयोल) से कर रही है. परेशान कुंदन कैसे भी पता कर लेता है कि अकरम मुस्लिम नहीं असल में सिख लड़का जसजीत है, तो वो सारा राज जोया के परिवार वालों पर खोल देता है और फिर जोया के घरवाले अकरम उर्फ जसजीत को बुरी तरह पीटते हैं. अभय ने जिस दर्शक का जिक्र किया है, उसकी इंस्टाग्राम पोस्ट में उसी पिटाई के बाद के सीन की तस्वीरे और चर्चा है, हॉस्पिटल में पड़े जसजीत से कुंदन माफी मांग रहा है और वो कुंदन को बता रहा है कि ये सारा आइंडिया जोया का था.
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वो दर्शक इसी सीन से गुस्सा था, जिसमें कुंदन से जसजीत बोलता है कि, ‘यार, इन लड़कियों के दिमाग के हिसाब से कुछ नहीं करना चाहिए, झटके में सबकुछ बिखर गया’, कुंदन भी कहता है कि, ‘हम भी इसी चक्कर में मारे गए’. उसको अभय के किरदार के प्रति इज्जत थी, जो ये सब अपनी गर्लफ्रेंड के कहने पर करने आ गया और गुस्सा उस कुंदन के किरदार पर थी, जो जोया के पीछे पड़ा हुआ था, अपनी कलाई काट लेता है, उनकी शादी बर्बाद कर देता है’ आदि. हालांकि बाद में मूवी में घायल अभय देयोल यानी जसजीत मर जाता है.
अभय देयोल को उस व्यक्ति का अपनी मूवी को लेकर इतना लम्बा विश्लेषण काफी पसंद आता है और कहीं ना कहीं अपने उस किरदार से प्यार होने लगता है, उनको लगने लगता है कि उस मूवी का जो रीयल हीरो था, उसकी बजाय एक ऐसे लड़के को बना दिया गया, जो एक तरह से पीछा करने वाला है, लड़की से प्यार करने के बजाय किसी भी कीमत पर पाना चाहता है, उसे तो विलेन होना चाहिए. कहीं ना कहीं ये फिल्म गलत मैसेज देती है.
अभय देयोल भी मानते हैं कि इस मूवी ने ना केवल गलत संदेश दिया है बल्कि सैक्सुअल ह्रासमेंट की प्रवृत्ति को बढावा दिया है, वो अपने फैंस से उस दर्शक की पोस्ट को पढ़ने की अपील भी करते हैं, आप भी पढ़ सकते हैं