नई दिल्ली: अभिनेता रजनीकांत का उत्तराखंड के साथ गहरा नाता उन्हें प्रत्येक वर्ष इस पहाड़ी राज्य में लेकर आ जाता है. उनका कहना है कि यहां के माहौल में उन्हें शांति मिलती है. लाखों प्रशंसकों के चहेते दक्षिण के स्टार रजनीकांत अपनी बेटी ऐश्वर्या के साथ ऋषिकेश पहुंचे.
वह दयानंद आश्रम में टिके और शाम को 'गंगा आरती' में भाग लिया. उन्होंने अपने गुरु की समाधि पर भी प्रार्थना की. इसके बाद कुछ समय के लिए उन्होंने ध्यान भी लगाया. गंगा किनारे स्थित दयानंद आश्रम वेद और संस्कृत के अध्ययन का एक अनूठा केंद्र है.
यह अनोखा इस प्रकार से भी है कि यहां अध्ययन और पाठन अंग्रेजी में कराए जाते हैं. यहां भगवान शंकर को समर्पित एक शिव मंदिर भी है. संस्कृत और वेदों के प्रसिद्ध विद्वान स्वामी दयानंद सरस्वती ने इस आश्रम की स्थापना साठ के दशक में की थी.
नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर आश्रम के एक अधिकारी ने कहा, "रजनीकांत बहुत पवित्र व्यक्ति हैं. वे जब भी यहां आते हैं, यहीं के एक कमरे में रहते हैं और आश्रम में मिलने वाला भोजन करते हैं. आश्रम में होने वाली गतिविधियां और कार्यक्रमों को जानने के लिए वे हमेशा उत्सुक रहते हैं."
सोमवार सुबह रजनीकांत यहां टहलने के लिए निकले और फिर बाद में अपनी बेटी के साथ हेलीकॉप्टर से केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए रवाना हो गए. दोनों मंदिरों में उन्होंने पूजा-अर्चना की, जहां मंदिर प्रबंधन अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.
रजनीकांत ने संवाददाताओं से कहा कि वह अपनी आने वाली फिल्म 'दरबार' के लिए भगवान और अपने गुरु का आशीर्वाद लेने के लिए आए थे. उन्होंने कहा, "हमने 'दरबार' की शूटिंग पूरी कर ली है और मैं यहां फिल्म की सफलता के लिए प्रार्थना करने आया हूं."
पिछले साल वे मंदिर तब आए थे, जब उनकी फिल्म 'रोबोट 2.0' रिलीज हुई थी. वह फिल्म 'रॉबोट' की रिलीज से पहले भी यहां आए थे. सूत्रों के मुताबिक, रजनीकांत पिछले एक दशक से उत्तराखंड का दौरा कर रहे हैं और अभिनेता का कहना है कि उन्हें यहां के माहौल में शांति मिलती है. (इनपुट आईएएनएस से भी)
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