नई दिल्ली: आलोकनाथ पर यौन उत्पीड़न एवं बलात्कार का आरोप लगाने वाली लेखिका-निर्देशिका विंता नंदा ने शुक्रवार को कहा कि वह इस बात को भली-भांति जानती हैं कि नाथ के साथ उनकी लड़ाई का कोई अंत नहीं है. लेकिन लोगों के सहयोग की वजह से वह अब भी इस लड़ाई में बनी हुई हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

विंता ने कहा कि ‘#MeToo’ अभियान के दौरान वह अपने अगले कदम को सोचे बिना ही सामने आईं थी. इसलिए पुलिस में मामला दर्ज कराने में भी उन्होंने कोई बहुत प्लानिंग नहीं थी.



लाडली पहल की साझेदारी में स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन द्वारा ‘#MeToo’ पर आयोजित एक पैनल डिस्कशन में विंता ने कहा, “हम सब जानते हैं कि इसका कोई अंत नहीं है. मैं कोई सबूत नहीं ला सकती, वह यह साबित नहीं कर सकते कि उन्होंने यह नहीं किया और यहां तक कि मैं भी यह साबित नहीं कर सकती कि उन्होंने ऐसा किया है. तो हम अदालत में किस बात के लिए लड़ रहे हैं? हम अदालत का समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं? 20 साल पहले क्या हुआ इसका समर्थन करने के लिए कोई कानून नहीं है, न कोई अपेक्षा है.” 


बता दें कि ओशीवारा पुलिस स्टेशन में आलोक नाथ के खिलाफ रेप के लिए लगनी वाली धारा सेक्शन 376 के तहत मामला दर्ज किया गया है. कुछ समय पहले दिसंबर की शुरुआत से ही पुलिस ने आलोकनाथ से मिलने की कोशिश की है, लेकिन वह उनसे मिल ही नहीं पा रहे हैं. पुलिस के अनुसार आलोकनाथ लापता हो गए हैं और किसी को यह जानकारी नहीं है कि वह कहां हैं.



वहीं दूसरी तरफ आलोकनाथ के वकील का कहना है कि एक जरूरी काम के लिए आलोकनाथ शहर से बाहर हैं और वह उनके साथ संपर्क में बने हुए हैं. वकील का कहना है कि मुंबई वापस आते ही वह ओशीवारा पुलिस स्‍टेशन में जरूर हाजिर होंगे. लेकिन महीने भर बाद भी आलोकनाथ पुलिस के सामने हाजिर नहीं हुए. 



गौरतलब है कि राइटर-प्रोड्यूसर विंता नंदा ने अक्टूबर की 17 तारीख  को एक्टर आलोक नाथ के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. नंदा ने आलोक नाथ पर 19 साल पहले उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. नंदा ने कहा था, 'पुलिस बहुत सहयोगी रही और उन्होंने मेरा बयान लिया. अपना बयान दर्ज कराना मेरे लिए आसान नहीं था क्योंकि यह अपने दर्द को दोबारा से जीने जैसे था. हमने आलोक नाथ के खिलाफ लिखित शिकायत दी है.'


इनपुट भाषा से भी 


बॉलीवुड की और खबरें पढ़ें