बिहार के जमुई से मुंबई तक आसान नहीं था इस एक्टर का सफर
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बिहार के जमुई से मुंबई तक आसान नहीं था इस एक्टर का सफर

राहुल सिंह ने कहा कि उनका सफर इतना आसान नहीं था. हर कदम पर संघर्ष, न कोई फिल्मी पृष्ठभूमि ऐसा लगता था कि आने वाला अगला दिन कुछ अच्छा होगा, लेकिन फिर वही संघर्ष कुछ सालों तक ऐसा ही चलता रहा. 

कई टीवी शो करने के अलावा राहुल ने अभिनय के साथ-साथ लेखन में भी अपना लोहा मनवाया है.

नई दिल्ली: किसी ने सच ही कहा है, जितना बड़ा आप का सपना होगा, उतनी बड़ी आपकी मंजिल होगी और जितनी बड़ी आपकी मंजिल होगी, उतनी ही बड़ी आपकी कामयाबी होगी. 
जी हां बिहार का छोटा सा नक्सल प्रभावित जिला जमुई से निकलकर एक साधारण घर का युवक अपनी कड़ी मेहनत, लगन और संघर्ष के दम पर बतौर अभिनेता मुंबई मायानगरी में अपना एक अलग ही मुकाम बनाया है. महज 32 वर्ष के आयु में अभिनेता राहुल सिंह ने अब तक 150 से भी ज्यादा चरित्र को जीवंत कर मायानगरी मुंबई के फिल्मकारों और समीक्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है.

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राहुल सिंह ने कहा कि उनका सफर इतना आसान नहीं था. हर कदम पर संघर्ष, न कोई फिल्मी पृष्ठभूमि ऐसा लगता था कि आने वाला अगला दिन कुछ अच्छा होगा, लेकिन फिर वही संघर्ष कुछ सालों तक ऐसा ही चलता रहा. 2009 में महुआ टीवी पर प्रसारित हुए एक रियलिटी शो में बतौर प्रतिभागी मुझे मौका मिला. बाद में इसी शो का पूरे भारत का लाफ्टर विनर भी बना और यही मेरे लाइफ का टर्निंग प्वाइंट था, क्योंकि यहीं से मुझे काम मिलना शुरू हुआ और और निर्माता-निर्देशकों ने मुझ पर विश्वास करना शुरू किया. 

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कई टीवी शो करने के अलावा राहुल ने अभिनय के साथ-साथ लेखन में भी अपना लोहा मनवाया है. 20 से ज्यादा रियलिटी शो और सीरियल में बतौर लेखक जुड़ने के साथ-साथ एक टीवी शो का सफल लेखन भी किया है. गोविंदा और अमिताभ बच्चन को अपना आदर्श मानने वाले राहुल सिंह की दिली तमन्ना इन दोनों अभिनेताओं के साथ फिल्म करने की है.

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