कंगना रनौत को 'अज्ञानी' कहकर ट्रोल हुए विशाल ददलानी, कह दी ऐसी-ऐसी बात
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कंगना रनौत को 'अज्ञानी' कहकर ट्रोल हुए विशाल ददलानी, कह दी ऐसी-ऐसी बात

विशाल ने कंगना रनौत के लिए लिखा कि कोई इतना अज्ञानी कैसे हो सकता है. यह खुद को विशेष दिखाने जैसा है कि वह आम आदमी से कितनी बेहतर हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर भारतीय प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से टैक्स का भुगतान करता है.

फोटो साभार : इंस्टाग्राम

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन को लेकर एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने बयान दिया था, जिस पर संगीतकार विशाल ददलानी (Vishal Dadlani) ने रिएक्शन दिया है. उन्होंने लिखा है कि कोई इतना अज्ञानी कैसे हो सकता है. इसके बाद विशाल ट्रोल हो गए हैं. विशाल ने ट्वीट किया कि कोई चाहे कितना भी टैक्स दे या न दे. किसी को भी संपत्ति नष्ट करने का अधिकार नहीं है, चाहे वह सार्वजनिक हो या निजी. न ही किसी भी अधिकारी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हिंसक हमले या हिरासत में रखने का अधिकार है.

इसके साथ ही विशाल ने लिखा कि कोई इतना अज्ञानी कैसे हो सकता है. यह खुद को विशेष दिखाने जैसा है कि वह आम आदमी से कितनी बेहतर हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर भारतीय प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से टैक्स का भुगतान करता है. हर लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है. अमीर आदमी को यह सोचना बंद कर देना चाहिए कि वह कितना स्पेशल है.

बता दें कि इस ट्वीट को करने के बाद विशाल ददलानी ट्रोल भी हुए. लोगों ने उनसे सवाल किया कि क्या जामिया में लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे? किसी को अधिकार नहीं है कि वह सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करे. अगर कोई करता है तो उसे शांत करने के लिए पुलिसवालों को बल प्रयोग करना ही पड़ता है.कुछ यूजर्स ने विशाल ददलानी से सुरक्षा अधिकारियों की इज्जत करने को कहा.

यह मामला तब उठा जब कंगना रनौत फिल्म 'पंगा' के ट्रेलर लॉन्च पर पहुंचीं तो उनसे एक पत्रकार ने CAA पर राय पूछी, जिस पर कगंना ने कहा कि मेरी राय इतनी लंबी-चौड़ी है कि बताने लगूंगी तो सुबह हो जाएगी. सबसे पहले तो जब लोग प्रदर्शन करते हैं तो उसमें हिंसा नहीं होनी चाहिए. सिर्फ 3-4 प्रतिशत लोग की टैक्स देते हैं, बाकी लोगों को उसी टैक्स के भरोसे रहना पड़ता है. लोग बसें जला देते हैं, जो 70 से 90 लाख की आती है, कोई छोटा अमाउंट तो ये है नहीं. लोग भुखमरी से मर रहे हैं. 

कंगना ने आगे कहा कि लोग डेमोक्रेसी के नाम पर स्वतंत्रता से पहले का माहौल बना रहे हैं. जब लोग हथियारों के बल पर जनता को काबू में रखते थे. तब टैक्स न देना, देश बंद करा दो कूल हुआ करता था. अब आपके नेता इटली या जापान से तो आए नहीं हैं. वे आपके बीच के ही इंसान हैं, जो छोटी जगह से उठकर अपने दम पर लीडर बने हैं. सालों से वे लीडर हैं. देश के लीडर ने अपने घोषणापत्र में जो बातें कही थीं, उसके बाद उन्हें सत्ता मिली, वही काम तो वह पूरा कर रहे हैं.अब क्या यह डेमोक्रेसी नहीं है?

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