बॉलीवुड साल 2016: असल जिंदगी की कहानियों को लोगों ने किया पसंद
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बॉलीवुड साल 2016: असल जिंदगी की कहानियों को लोगों ने किया पसंद

इस साल बॉलीवुड के कई फिल्मकारों ने अपनी फिल्म के लिए असल जिंदगी की, असल लोगों के जीवन की कहानियों को चुना है। दंगल, नीरजा, एमएस धोनी और अलीगढ़ जैसी फिल्में इसी कड़ी का हिस्सा हैं। इन फिल्मों की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अच्छी फिल्म बनाने के लिए एक्शन से भरपूर दृश्यों और फूहड़ हास्य की हमेशा जरूरत नहीं होती और कहानी को अगर सही निर्देशक और सही कलाकार मिल जाते हैं तो वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कथाओं से कहीं दमदार साबित होती हैं।

फाइल फोटो

नई दिल्ली : इस साल बॉलीवुड के कई फिल्मकारों ने अपनी फिल्म के लिए असल जिंदगी की, असल लोगों के जीवन की कहानियों को चुना है। दंगल, नीरजा, एमएस धोनी और अलीगढ़ जैसी फिल्में इसी कड़ी का हिस्सा हैं। इन फिल्मों की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अच्छी फिल्म बनाने के लिए एक्शन से भरपूर दृश्यों और फूहड़ हास्य की हमेशा जरूरत नहीं होती और कहानी को अगर सही निर्देशक और सही कलाकार मिल जाते हैं तो वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कथाओं से कहीं दमदार साबित होती हैं।

निर्देशक नीतेश तिवारी के साथ मिलकर आमिर खान महावीर सिंह फोगट की कहानी को ‘दंगल’ में लेकर आ रहे हैं। फोगट ने अपनी बेटियों गीता और बबीता को प्रशिक्षण देकर उन्हें विश्व स्तरीय पुरस्कार विजेता पहलवान बनाया है।

फोगट की भूमिका निभाने के लिए आमिर ने हरियाणवी सीखी, पहलवानी का प्रशिक्षण लिया और अपने डीलडौल में भी खासा बदलाव लेकर आए।

राम माधवानी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘नीरजा’ में सोनम कपूर मुख्य भूमिका में थीं। यह फिल्म उस अपहृत विमान की फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट की सच्ची कहानी पर आधारित थी जिसने विमान में सवार 300 यात्रियों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की।

यह फिल्म सोनम के करियर में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई है।

अभिनेता सुशांत सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के जीवन पर आधारित नीरज पांडे की फिल्म ‘एमएस धोनी: दी अनटोल्ड स्टोरी’ में मुख्य भूमिका निभाई है।

हंसल मेहता ने अपनी फिल्म ‘अलीगढ़’ में अदालत में चले विवादास्पद और संवेदनशील मामले को छुआ है जो कॉलेज के एक समलैंगिक प्रोफेसर के जीवन पर आधारित है। इसमें मनोज वाजपेयी ने मुख्य भूमिका निभाई है।

फिल्म ‘रूस्तम’ में अक्षय कुमार ने नौसेना अधिकारी के एम नानावटी की भूमिका निभाई जिन पर हत्या का सनसनीखेज मुकदमा चला था। इस साल भारतीय क्रिकेट टीम के सर्वाधिक विवादास्पद कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन के जीवन पर आधारित फिल्म ‘अजहर’ भी रिलीज हुई। इसमें मुख्य भूमिका में थे इमरान हाशमी।

इस साल रिलीज होने वाली एक अन्य बायोपिक थी ‘सरबजीत’। उमंग कुमार के निर्देशन में बनी इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई थी रणदीप हुड्डा ने। यह सरबजीत सिंह नाम के उस भारतीय व्यक्ति की सच्ची कहानी पर आधारित है जिसे वर्ष 1991 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा दी थी। कथित तौर पर जासूसी करने और आतंकवाद फैलाने के आरोप में सरबजीत ने 22 साल पाकिस्तान की जेल में गुजारे और वहीं के जेल में उनकी मौत भी हो गई।

सरबजीत की बहन दलबीर कौर की भूमिका अभिनेत्री ऐश्वर्या राय ने निभाई थी। दलबीर ने अपने भाई की रिहाई के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी।

रामगोपाल वर्मा की ‘वीरप्पन’ असली डाकू वीरप्पन पर आधारित थी। उसे पकड़ने और खत्म करने के लिए ऑपरेशन कोकून चलाया गया था। वीरप्पन की भूमिका संदीप भारद्वाज ने निभाई थी।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के जीवन पर बनी फिल्म ‘अन्ना’ बॉक्स ऑफिस पर कब आई और कब चली गई पता भी नहीं चला। कई फिल्मों में असल जिंदगी की समस्याओं को उठाया गया। फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में फिल्मकार अभिषेक चौबे ने नशे की गिरफ्त में आए पंजाब राज्य के युवाओं का विषय उठाया। इसमें मुख्य भूमिका में थे शाहिद कपूर।

बंगाली निर्देशक अनिरूद्ध रॉय चौधरी ने कोर्टरूम ड्रामा ‘पिंक’ के जरिए हिंदी फिल्मों में बढ़िया शुरुआत की। फिल्म में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया। इसमें अमिताभ बच्चन बेहद दमदार भूमिका में हैं।

मनोज वाजपेयी की रोमांचक फिल्म ‘ट्रैफिक’ चेन्नई में असल जीवन की घटना पर आधारित है जिसमें चिकित्सकों और यातायात पुलिसकर्मियों ने एक लड़की को नया जीवन देने के लिए मिलकर काम किया था। सोहा अली खान की फिल्म ‘31 अक्तूबर’ 1984 के दंगों पर आधारित है। 

 

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