'अवॉर्ड वापसी' पर बोले कमल हासन- 'इससे कुछ नहीं होता, 1947 से ही असहिष्णु है भारत'
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'अवॉर्ड वापसी' पर बोले कमल हासन- 'इससे कुछ नहीं होता, 1947 से ही असहिष्णु है भारत'

'असहिष्णुता' के माहौल के विरोध में अवॉर्ड वापसी की बहस में अब तमिल सुपरस्टार कमल हासन भी उतर आए हैं। कमल ने सम्मान लौटाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि इससे कुछ नहीं होता है।

फाइल फोटो

नई दिल्ली : 'असहिष्णुता' के माहौल के विरोध में अवॉर्ड वापसी की बहस में अब तमिल सुपरस्टार कमल हासन भी उतर आए हैं। कमल ने सम्मान लौटाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि इससे कुछ नहीं होता है।

उन्होंने कहा, 'अपनी बात रखने के और भी तरीके हैं। मैं अपने सम्मान नहीं लौटाउंगा। 1947 से ही देश में असहिष्णुता है और इसी वजह से देश का विभाजन हुआ था। असहिष्णुता पर बहस होनी चाहिये।' गौरतलब है कि सोमवार को अपना 50वां जन्मदिन मनाने वाले अभिनेता शाहरूख खान ने अवॉर्ड वापसी का समर्थन किया था।

कमल ने 'अवॉर्ड वापसी' को कुछ लोगों का सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का तरीका बताते हुए करार देते हुए कहा, 'इससे कुछ नहीं होगा। यह उन प्रशंसकों का अपमान है, जिनके प्यार के चलते आप यहां तक पहुंचे हैं। मैं धार्मिक व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन मैं हर धर्म की इज्जत करता हूं। अवॉर्ड वापस करने से मुद्दे को कुछ तवज्जो जरूर मिल जाएगी, लेकिन अगर वह इस विषय लिखें तो मुद्दे पर इससे ज्यादा लोगों का ध्यान जाएगा। लेखकों और कलाकारों को भी अपनी तरफ से ज्यादा सहिष्णु होना पड़ेगा।

प्रोफेसर कलबुर्गी हत्याकांड और दादरी कांड के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की भतीजी नयनतारा सहगल से शुरू हुआ अवॉर्ड वापसी का सिलसिला साहित्यकारों से फिल्मकारों, वैज्ञानिकों और इतिहासकारों तक जा पहुंचा है। हालांकि बुद्धिजीवी वर्ग में इस मुद्दे पर कई तरह के रुख सामने आए हैं।

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