FILM REVIEW: कैसी है सारा और कार्तिक की Love Aaj Kal? देखें रेटिंग
Advertisement

FILM REVIEW: कैसी है सारा और कार्तिक की Love Aaj Kal? देखें रेटिंग

फिल्म में सारा और कार्तिक के अलावा रणदीप हुड्डा और आरुषी शर्मा भी हैं.

FILM REVIEW: कैसी है सारा और कार्तिक की Love Aaj Kal? देखें रेटिंग

फिल्म: लव आज कल
डायरेक्टर: इम्तियाज अली
कास्ट: कार्तिक आर्यन, सारा अली खान, रणदीप हुड्डा, आरुषि शर्मा
स्टार्स: 2.5/5

नई दिल्ली: सारा अली खान (Sara ali khan) और कार्तिक आर्यन (Kartik aryan) की फिल्म 'लव आज कल (Love Aaj Kal)' आज सिनेमा घरों में दस्तक दे चुकी है. इम्तियाज अली (Imtiaz Ali) ने निर्देशित किया है. बीते कई दिनों से दर्शकों को इस फिल्म का इंतजार था, जो आज वेलेंटाइन डे के मौके पर रिलीज की गई है. फिल्म में सारा और कार्तिक के अलावा रणदीप हुड्डा और आरुषी शर्मा भी हैं. तो आइए जानते हैं कि कैसी है ये फिल्म. 

ओरिजनल फिल्म से कोसों दूर 
अगर फिल्म का एक लाइन में टेकअवे पूछा जाए तो इसी फिल्म का एक डायलॉग इसका जवाब होगा, 'तुम मुझे तंग करने लगे हो'. हां आपको जानकार आश्चर्य होगा लेकिन सिनेमाहॉल में जाने के पहले अगर आप 2009 में आई इम्तियाज अली की फिल्म 'लव आजकल' जैसे इंटरटेनमेंट की उम्मीद लगाए जा रहे हैं. तो बाहर निकलते हुए आपकी जुबान से इम्तियाज अली के लिए यही डायलॉग निकलेगा. क्योंकि यह फिल्म अपने ओरिजनल वर्जन यानी सैफ अली खान और दीपिका पादुकोण वाली 'लव आजकल' से कोसों दूर है.
यहां आप फिल्म को देखने के बाद सैफ अली खान के ट्रेलर रिव्यू से सहमत होने की बात करेंगे. क्योंकि उन्होंने कहा था कि उन्हें खुद की फिल्म का ट्रेलर इससे ज्यादा अच्छा लगा था. वहीं फिल्म के मामले में भी यह बात सच साबित होती नजर आई. 

ऐसी है कहानी
'लव आज कल' एक ही सिक्के के दो पहलू प्रस्तुत करता है. पहले फ्रेम से ही कहानी पास्ट और प्रजेंट को साथ लेकर चलती है. जहां करियर ओरिएंटेड और बेबाक जोई (सारा अली खान) आज के दौर की वो लड़की है, जो किसी सीरियस रिलेशनशिप में इसलिए नहीं बंधना चाहती. लेकिन लड़कों के साथ टाइम पास करने में उसे कोई पॉब्लम नहीं, इसकी वजह है उसका करियर. क्योंकि वह नहीं चाहती कोई रिश्ता उसके करियर में बाधा बने. एक रात उसकी मुलाकात बेवकूफ से दिखनेवाले और अपनी दुनिया में खोए रहनेवाले वीर (कार्तिक आर्यन) से होती है, जो पेशे से प्रोग्रामिंग इंजिनियर है. जोई को वह अच्छा लगता है, मगर जब वीर जोई को यूनिक और स्पेशल समझकर उससे फिजिकल रिलेशन नहीं बनाता, तो जोई को बहुत ही अजीब लगता है और वह वीर पर झुंझलाती है. लेकिन वीर जोई का पीछा करता हुआ, उस को-वर्क प्लेस तक पहुंच जाता है. 

यहां पर रघु (रणदीप हुड्डा) जोई को अपनी प्रेम कहानी सुनाकर अहसास दिलाता है कि वीर उससे सच्चा प्यार करता है. इसके बाद शुरू होती है नब्बे के दशक की प्रेम कहानी. जिसमें में रघु (कार्तिक आर्यन, रणदीप की युवावस्था) उदयपुर में अपने स्कूल में पढ़नेवाली लीना (आरुषि शर्मा) से इस कदर प्यार करता है. दोनों की प्रेम कहानी उदयपुर में फेमस होती है दोनों बदनाम हो जाते हैं. इस रघु और लीना की लव स्टोरी को सुनकर जोई वीर की अहमियत को समझने लगती है. लेकिन इसके बाद एक जगह जोई का करियर दोनों के रिश्ते को एक दर्दनाक मोड़ पर ले जाता है. दूसरी ओर रघु और लीना का मासूम स्कूल लव भी अपना रंग बदलता नजर आता है. इसके आगे क्या हुआ यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी. 

सिनेमैटोग्राफी बढ़िया है
अमित रॉय की सिनेमैटोग्राफी फिल्म की कहानी के बहाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लेकिन इस बार संगीतकार प्रीतम प्रभावित करने में असफल रहे. क्योंकि यह फिल्म अपनी रोमांटिक कहानी के हिसाब से उतने परफेक्शन के साथ दिलों में नहीं उतरती. 

Trending news