टीवी सीरियल 'अनुपमा' में दर्शकों को आने वाले एपिसोड में और भी ज्यादा हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिलेगा. अब तक आपने देखा कि समर नंदिनी से अपनी सगाई तोड़ देता है और वनराज नंदिनी को खरी खोटी सुनाता है.
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नई दिल्ली: टीवी सीरियल 'अनुपमा' में दर्शकों को आने वाले एपिसोड में और भी ज्यादा हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिलेगा. अब तक आपने देखा कि समर नंदिनी से अपनी सगाई तोड़ देता है और वनराज नंदिनी को खरी खोटी सुनाता है. लेकिन आने वाले एपिसोड में जो होगा उसे जानकर आप भी कहेंगे असली एंटरनटेनमेंट तो यही है.
आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा गुस्साए हुए समर को नंदिनी से पैचअप करने को कहेगी. अनुपमा समर से कहेगी कि जब रिश्ते की डोर टूटती है तो इंसान अंदर से टूट जाता है. जब मेरा और मिस्टर शाह का रिश्ता टूटा था तो सबके सब टूट गए थे. शायद आज तक कोई जुड़ नहीं पाया है.
अनुपमा की बात का समर्थन बापू जी भी करेंगे. बापू जी समर से कहेंगे कि जो भी अनुपमा कह रही है वो एकदम सही है. बापू जी कहेंगे कि बचपन में तेरा क्रिकेट बैट टूट गया था. तूने उसे जोड़कर आजकर संभाल कर रखा है. एक खिलौने को जोड़कर रखने वाला समर क्या एक रिश्ते के लिए कोशिश नहीं कर सकता. बा भी बापू जी का साथ देंगी और समर को समझाएंगी.
वहीं वनराज समर को इस रिश्ते को दोबारा जोड़ने से रोकेगा. वो समर से कहेगा कि मैं पहले भी एक अनचाहे पिंजड़े में कैद था तो मैंने उसे तोड़ दिया और अब भी मेरे साथ ऐसा हो रहा है. बिन प्यार के रिश्ते से सिर्फ तकलीफ होती है. मैं बस यही कहना चाहता हूं कि जो रिश्ता नहीं अच्छा लगे ना बेटा उसे जोड़ना मत. रिश्ता वही बनाना जो परफेक्ट हो. अनुपमा वनराज की बातें सुन भड़क जाएगी. वो वनराज से कहेगी कि कोई रिश्ता परफेक्ट होता नहीं उसे परफेक्ट बनाना पड़ता है.
आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि तोषू नंदिनी से मिलेगा और उसे समझाने की कोशिश करेगा. नंदिनी से तोषू कहेगा कि गुस्से में इंसान सिर्फ अपना प्वाइंट सही साबित करने की कोशिश करता है. तुझे चीजों को समझ है और फिर भी तू ऐसे रिएक्ट कर रही है. इस पर नंदिनी कहती हैं- भाई आप भी मुझे ही समझाने आए हैं ना कि समर को. तभी तोषू कहता है- तू मेरी बहन है इसलिए समझाने आया हूं. गुस्से में लिए गए फैसले गलत होते हैं और ये मैं अपने पर्सनल एक्सपीरियंस से कह रहा हूं.
वनराज गुस्से में अपने केबिन में काम करता है तभी मालविका उसे मनाने के लिए आती है. तभी वनराज मालविका से इमोशनल बातें करता है. वो कहता है कि कोई मुझे समझे ना समझे मुक्कू तुम तो मुझे समझती हो ना. तुमने भी मेरी तरह दो बार चोट खाई है. पहले प्यार करके फिर शादी करके.
इसके बाद वनराज मालविका का हाथ पकड़ लेता है. वो उससे कहता है कि तुम्हें तो मैं गलत नहीं लगता ना. तुम मुझ पर भरोसा करती हो ना. ये सुनते ही मालविका भी वनराज का हाथ थाम लेती है. इन दोनों को इस तरह अनुपमा देख लेती है. इसके बाद अनुपमा वनराज से कहती है कि आप ये ठीक नहीं कर रहे. मेहरबानी करके अपना घर और अपने बच्चे संभालिए. तभी वनराज कहता है- यहां से जाओ, मेरे लिए सबसे जरूरी है इस वक्त मालविका को संभालना.
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