Jauhar Trust Land Lease: यूपी सरकार ने आजम खान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की है. सरकार ने मुर्तजा हायर सेकेंड्री स्कूल को लीज पर दी गई जमीन को रद्द कर दिया है. खास बात यह है कि प्रति वर्ष 100 रुपए पर 400 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी.
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Jauhar Trust: आजम खान किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. चाहे वो पक्ष में रहे हों या विपक्ष में हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. मौजूदा समय में उनकी पार्टी सरकार में नहीं है लेकिन चर्चा बरकरार है. कड़क सफेद कुर्ते और शायराना अंदाज में अपनी बात रखने वाले आजम खान का दामन दागदार हो चुका है. उनके खिलाफ 80 से अधिक केस अदालतों में चल रहे हैं जिनमें से हाल ही में बेटे अब्दुल्ला आजम के जाली बर्थ सर्टिफिकेट मामले में सजा काट रहे हैं. हालांकि जिस विषय की हम चर्चा करने जा रहे हैं वो उनके जौहर ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है. जौहर ट्रस्ट के जरिए क्या कुछ उन्होंने किया उससे पहले उनके एक बयान को जानना और समझना जरूरी है. आजम खान कहा करते हैं कि उनकी खता सिर्फ इतनी सी है कि वो गरीब, मजलूम समाज के बेहतर एजुकेशन के बारे में सोचा करते थे. यह बात अलग है कि कुछ लोगों को उनकी सोच पसंद नहीं आई. इन सबके बीच अहम सवाल यह है कि क्या कोई शख्स रसूख का इस्तेमाल कर सरकारी जमीनों की बंदरबाट करेगा. क्या किसी शख्स को सत्ता में बने रहने के दौरान मनमाना फैसला लेने का अधिकार मिल जाता है. इसे समझने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के एक फैसले पर पहले नजर डालना जरूरी है.
योगी सरकार ने की सर्जिकल स्ट्राइक
31 अक्टूबर को यूपी कैबिनेट ने मुर्तजा हायर सेकेंड्री स्कूल दी गई जमीन को वापस लेने का फैसला किया है. आप भी सोच सकते हैं कि भला काम तो शिक्षा के प्रचार- प्रसार का था ऐसे में जमीन क्यों वापस ली गई. दरअसल मामला यह है कि जिस जमीन पर शिक्षा विभाग का दफ्तर है उसे महज 100 रुपए में 30 साल के लिए लीज पर दिया गया था. अब लीज पर देने का फैसला कब लिया गया वो भी दिलचस्प है, आज से 16 साल पहले यानी 2007 सूबे में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी और आजम खान सरकार में मंत्री थे. आजम खान ने अपने रसूख का फायदा उठाया और सरकारी जमीन को औने पौने दाम पर अपने ट्रस्ट के नाम पर लीज करा ली. इस मामले की जांच तब शुरू हुई जब सूबे में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई. रामपुर के तत्कालीन डीएम को आरोप के रूप में जानकारी मिली कि जिस जमीन को लीज पर दिया गया उसमें नियम कानून की अनदेखी की गई. आरोपों की जांच के लिए चार सदस्यों की एक समिति बनाई गई.
जब जब सरकार में रहे आजम, किया खेल
मुर्तजा हायर सेकेंड्री स्कूल को गलत तरीके से जमीन आवंटन
2007 में मुर्तजा हायर सेकेंड्री स्कूल को जमीन लीज पर दी गई
2007 में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी.
100 रुपए प्रति वर्ष पर 30 साल के लिए लीज.
2013-14 में जौहर ट्रस्ट को शोध संस्थान के लिए जमीन लीज पर दी.
इस जमीन को भी 100 रुपए प्रति वर्ष पर 30 साल के लिए लीज.
नियम के साथ खिलवाड़, करोडों का वारा न्यारा
समिति ने जांच के बाद पाया कि करीब 400 एकड़ जमीन या यूं कहें कि 41,181 वर्ग फीट जमीन के आवंटन में नियमों के साथ समझौता किया गया. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक यह जमीन रामपुर शहर के बीचोबीच है. इस जमीन पर जौहर विश्वविद्यालयों के दफ्तरों को खोलने की योजना थी. लेकिन उस जमीन पर स्कूल चलाया जाने लगा. 2007 में डीआईओएस और बेसिक एजुकेशन का दफ्तर मुर्तजा हायर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में था. 2023 के फरवरी महीने में यूपी कैबिनेट ने 3.24 एकड़ जमीन की लीज को कैंसिल कर दिया गया था. इस जमीन पर जौहर रिसर्च सेंटर बनाया जाना था. हालांकि इस जमीन को जिस तरह से लीज पर दिया गया उसमें भी कानून के साथ समझौता किया गया. जमीन का यह हिस्सा अल्पसंख्यक विभाग से था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस जमीन पर शोध संस्थान की जगह स्कूल चलाया जा रहा है. खास बात यह है कि 2013-14 के दौरान जमीन के इस टुकड़े को भी महज 100 रुपए पर 30 साल की लीज पर दिया गया था.