Balaji Srinivasan: अमेरिकी मूल के भारतीय बिजनेसमैन बालाजी श्रीनिवासन ने इसे उदाहरण देते हुए समझाया है कि निवेश ने कैसे भारत की तस्वीर बदल दी है. उन्होंने समझाने की कोशिश की है कि वो भारत के बारे में क्या सोचते हैं.
Trending Photos
Investing In India: वैसे तो ऐतिहासिक रूप से भारत के बहुलवादी समाज का कोई तोड़ नहीं है लेकिन अगर वर्तमान के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो यहां की तस्वीर बदलने में निवेश ने भी जमकर भूमिका निभाई है. उदारवादी प्रक्रिया के बाद इस रफ्तार की गति और भी तेज हुई है. असल में हाल ही में अमेरिकी मूल के भारतीय बिजनेसमैन बालाजी श्रीनिवासन ने इसे उदाहरण देते हुए समझाया है कि निवेश ने कैसे भारत की तस्वीर बदल दी है. उन्होंने ऐतिहासिक पक्ष भी रखा है. उन्होंने ट्विटर पर एक लंबा लेख इस बारे में लिखा है. उन्होंने लिखा कि भारत में निवेश से भारत में सुधार हो रहा है. बालाजी श्रीनिवासन एक भारतीय अमेरिकी उद्यमी और निवेशक हैं. वे कॉइनबेस के पूर्व मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी रहे हैं.
किसी स्टार्टअप की तरह बढ़ता हुआ
असल में बालाजी श्रीनिवासन ने लिखा कि यदि आप किसी स्टार्टअप को आगे बढ़ता हुआ देखते हैं, तो क्या इसका मतलब यह कतई नहीं है कि उसमें कोई खामियां नहीं हैं. उन्होंने लिखा कि हो सकता है कि आप इसका उपयोग करना शुरू कर दें, और इसमें पैसा लगाएं, और अपने दोस्तों से इसके बारे में बात करें. ठीक इसी तरह मैं भी भारत के बारे में सोचता हूं. एक प्राचीन सभ्यता जो एक स्टार्टअप देश की तरह है, कैसे निवेश ने उसका ग्राफ ऊंचा कर दिया. एक ग्राफ के माध्यम से उन्होंने बताया कि मैं भारत और भारतीयों में निवेश कर रहा हूं क्योंकि मैं विकास की संभावनाएं देखता हूं, क्योंकि यह भारत के निर्माण में मदद करता है, और क्योंकि एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत दुनिया के लिए अच्छा है. आगे उन्होंने कुछ तर्कों के सहारे अपनी बात रखी है.
1) सभ्यतागत पुनर्जन्म: सिंधु घाटी सभ्यता मानव इतिहास की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है. लेकिन भारत अभी भी एक स्टार्टअप के अनुरूप है, क्योंकि उदारीकरण के बाद 1991 में देश में एक और सभ्यता का पुनर्जन्म हुआ था, जैसा कि 1978 में चीन में हुआ था. भारत लैंडलाइन से सीधे मोबाइल तक, या नकदी से यूपीआई तक क्यों पहुंच सकता है? क्योंकि सदियों के उपनिवेशवाद और कब्जे के बाद हाल ही में इसका पुनर्जन्म हुआ था.
2) अंडरडॉग करोड़पति: यह देखने से कि किसी चीज़ में सुधार हो रहा है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह पहले से ही नंबर एक है. बल्कि कुछ और भी है. भारत के बारे में सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक यह भी है कि भारतीय खुद को अंडरडॉग समझते हैं. अंडरडॉग वह चीज जिसे कम क्षमता का समझा जाता है. कमतर आंके गए समूह जिनके पास जीतने का मौका है लेकिन निश्चित रूप से इसकी कोई गारंटी नहीं होती है. उन्होंने सुपर 30 फिल्म का एक उदाहरण भी दिया.
3) विकेन्द्रीकृत डायस्पोरा: यह शायद भारत की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है. इस सदी में चीन भले ही दुनिया का सबसे अच्छा होम गेम खेल रहा हो, लेकिन भारत दुनिया का सबसे अच्छा होम गेम खेलने की राह पर है. इसलिए भारत का विकास चीन से अलग दिखेगा. एक बात तो यह है कि भारतीय कहीं भी आने-जाने के इच्छुक और सक्षम रहे हैं. पश्चिमी लोग अधिकतर स्थानांतरित होने के इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि वे अभी भी सोचते हैं कि उनका समाज ही एकमात्र ऐसा स्थान है जो "प्रथम विश्व" है. इससे भारतीयों को यह कमी पूरी करनी पड़ेगी,
4) विशेष आर्थिक क्षेत्र: भारतीयों को पता है कि वे उभर रहे हैं, ऊपर उठ रहे हैं. भारतीय विकास चीनी विकास से काफी अलग होने जा रहा है, जिसमें प्रवासी भारतीयों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. भारतीय जो दुबई और डेलावेयर, सिंगापुर और एंग्लोस्फीयर में फले-फूले, एक बार जब वे एक अलग आर्थिक प्रणाली में आ गए और वे अब भारत में ही फलने-फूलने लगे हैं. जब भारत ने 1991 में अपनी आर्थिक व्यवस्था बदल ली थी.
GIFT (गिफ्ट सिटी) का उदाहरण
उन्होंने आगे GIFT (गिफ्ट सिटी) का भी उदाहरण दिया. बता दें कि गुजरात स्थित गिफ्ट सिटी भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है. गिफ्ट सिटी में कंपनियों व निकायों को टैक्स नियमों में कई प्रकार की छूट मिलती हैं. उन्हें डाइरेक्ट टैक्स यानी इनकम टैक्स के साथ-साथ जीएसटी के मामले में भी फायदा मिलता है. गिफ्ट सिटी को उन्होंने विशेष आर्थिक क्षेत्र में भी बताया और कहा कि ऐसे और क्षेत्रों की अभी जरूरत है.
इंटरनेट कनेक्टिविटी, डिजिटल भुगतान
इसके अलावा उनहोनेलिखा कि भारत की इंटरनेट कनेक्टिविटी, डिजिटल भुगतान और बुनियादी ढांचे में पिछले 10 वर्षों में नाटकीय और स्पष्ट रूप से सुधार हुआ है. लेकिन फिर भी इसमें अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए कुछ निश्चित सुविधाएँ नहीं हैं जो सिंगापुर, दुबई और डेलावेयर में हैं. एक बार ऐसा हो जाने पर, यह मेरे व्यवसाय को और भी अधिक सरल बना देगा.
आखिर में उन्होंने लिखा कि भारत में सुधार हुआ है. 10-20 साल पहले की तुलना में यह बहुत बड़ा बदलाव है. उन्होंने फिर जिक्र किया कि मेरे लिए, भारत में अभी भी अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सभी सुविधाएं नहीं हैं जो सिंगापुर, दुबई और डेलावेयर जैसी जगहों पर हैं. लेकिन इसमें सुधार होता जा रहा है, और मैं हर साल इसकी जांच करता हूं.
INVESTING IN INDIA IS IMPROVING INDIA
If you see a startup growing, does that mean it doesn't have any flaws? That it's the best in the world? That you're going to use it for everything right away?
No, of course not. But you might start using it, and putting money into it, and… https://t.co/ht7dzMNL5K pic.twitter.com/2ySxmTK22E
— Balaji (@balajis) November 26, 2023