Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में महायुति सरकार की वापसी के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दोनों उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार के अलावा बाकी मंत्रिमंडल पर फैसला नहीं हो सका है. इसके पीछे भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच विभागों के बंटवारे में पर अब तक सहमति नहीं बनने की वजह सामने आ रही है. महाराष्ट्र में 14 दिसंबर तक कैबिनेट विस्तार होने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे पहले सीएम फडणवीस बुधवार को दिल्ली पहुंचे. 


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देवेंद्र फडणवीस की दिल्ली दौड़ से महाराष्ट्र में किसकी मुराद पूरी होगी? 


महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार (11 दिसंबर को) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से शिष्टाचार मुलाकात की. इसके बाद वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले. देर रात देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर भी पहुंचे. सोशल मीडिया पर फडणवीस के दिल्ली दौरे का फोटो देखकर महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार और पोर्टफोलियो बंटवारे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं. राजनीति के क्षेत्र में सवाल खड़ा हो गया है कि महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बावजूद लंबे समय तक खींचतान के बाद आखिरकार सीएम पर मामला सुलझ गया पर विभाग का मामला अब तक क्यों उलझा है? साथ ही फडणवीस की दिल्ली दौड़ से किसकी मुराद पूरी होगी? 



दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार, क्यों नहीं आए एकनाथ शिंदे?


जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दिल्ली आने से पहले से ही राष्ट्रीय राजधानी में डिप्टी सीएम अजित पवार मौजूद थे. हालांकि, दूसरे डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का दिल्ली आने का कार्यक्रम नहीं बना. इससे अटकलें लगाई जाने लगी कि क्या शिवसेना को शायद महाराष्ट्र कैबिनेट में मनपसंद विभाग मिलने में मुश्किल हो सकती है. वहीं, हाल ही में बड़ी कानूनी राहत पाने वाले अजित पवार भी अपनी पसंद के कुछ विभागों के साथ समझौता कर सकते हैं. यानी फडणवीस के दिल्ली दौरे से आखिरकार एक बार फिर भाजपा की ही मुराद पूरी हो सकती है.


क्या शिंदे को नहीं मिलेगा मनपसंद विभाग? अजित पवार भी करेंगे समझौता


महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार को लेकर जारी हलचल के बीच भाजपा के नेता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि महायुति सरकार में शिवसेना को गृह विभाग नहीं मिलेगा. इसके अलावा उन्हें राजस्व विभाग आवंटित होने की भी संभावना नहीं है. उन्होंने बताया कि महायुति के तीनों घटक दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की बातचीत फाइनल होने में देरी की एक वजह शिवसेना को गृह मंत्रालय देने से इनकार कर दिया जाना भी है. वहीं, पिछले ढाई साल तक सीएम रहे एकनाथ शिंदे की सरकार में देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम के साथ गृह मंत्रालय संभाल रहे थे. अब फडणवीस मुख्यमंत्री हैं और शिंदे उप-मुख्यमंत्री तो दोनों ही नेता गृह विभाग अपने पास रखना चाह रहे हैं. 


महायुति सरकार में किस पार्टी के कितने मंत्री बनेंगे? विभागों पर खींचतान


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना को शहरी विकास विभाग मिल सकता है, लेकिन राजस्व विभाग मिलने की संभावना नहीं है. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं. इनमें अकेले भाजपा के कोटे से 21 से 22 मंत्री बनाए जा सकते हैं. शिवसेना के पास 10-12 विभाग तो अजित पवार वाली एनसीपी को 9-10 विभागों की जिम्मेदारी मिल सकती है. वहीं, फडणवीस कैबिनेट में चार से पांच मंत्री पद खाली रखे जा सकते हैं.  


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महाराष्ट्र में पिछली बार के फॉर्मूले को भाजपा ने नकारा, बदला समीकरण


महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे में पिछली सरकार वाला फॉर्मूला दोहराया नहीं जा रहा है, क्योंकि तीनों दलों के बीच शक्ति संतुलन बदल चुका है. सीएम फडणवीस की दिल्ली यात्रा के दौरान भाजपा आलाकमान के साथ पोर्टफोलियो आवंटन पर चर्चा होने की संभावना है. क्योंकि भाजपा महाराष्ट्र में इस बार अहम विभागों से समझौता करने के मूड में नहीं है. भाजपा पिछली बार एकनाथ शिंदे को मिले शहरी विकास विभाग और अजित पवार के वित्त विभाग को भी अपने पास रखना चाहती है. इसके बदले में, शिंदे को राजस्व और लोक निर्माण विभाग और पवार को बिजली या सिंचाई विभाग देने की पेशकश की जा सकती है.


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महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में किन खास विभागों के बंटवारे पर जारी है गतिरोध?


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने बंपर जीत हासिल करते हुए कुल 288 में से 230 सीटों पर अपना परचम फहरा दिया था. लंबी खींचतान के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजीत पवार डिप्टी सीएम बने. इसके बाद तीनों दलों के बीच खासकर छह महत्वपूर्ण विभागों को लेकर रस्साकशी जारी है. इनमें गृह विभाग के अलावा, वित्त, शहरी विकास, राजस्व, आवास और सिंचाई विभाग शामिल हैं. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में 16 दिसंबर को नई विधानसभा की पहली बैठक तक विभागों का बंटवारा करना होगा. इसलिए पोर्टफोलियों के बंटवारे को लेकर 14 दिसंबर की तारीख की चर्चा की जा रही है.


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